लोक आस्था का महापर्व छठ आज से नहाय-खाय के साथ शुरू हो जाएगा। छठव्रती साल भर से इस पर्व का इंतजार कर रहे थे। अब उनका इंतजार खत्म होने को आया है। चार दिवसीय महापर्व के पहले दिन व्रती गंगा स्नान के बाद भगवान भास्कर को प्रणाम कर कद्दू-भात का भोग लगाएंगे और संकल्प लेकर प्रसाद ग्रहण करेंगे।
छठ पर्व के दूसरे दिन शनिवार शाम को व्रती खरना करेंगे। इसके साथ ही 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाएगा। रविवार को अस्ताचलगामी सूर्य को व्रती अर्घ्य देंगे। सोमवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रती पारण करेंगे। इसके साथ ही महापर्व संपन्न हो जाएगा। नहाय-खाय के को बड़ी संख्या में व्रती गंगा घाटों पर गेहूं धोने व सुखाने जाएंगे। कई व्रती घरों में गेहूं धोने के लिए घाट से गंगाजल ले जाएंगे।
गली-मोहल्लों की सड़कों की सफाई व रोशन करने का काम तेज हो गया है। छठ गीतों से माहौल भक्तिमय बना हुआ है। गुरुवार को कद्दू की कीमत 50 से 70 रुपये के बीच रही। पिछले साल कीमत 100 रुपये तक पहुंच गयी थी। इससे पहले दो दिन बिहार के विभिन्न शहरों के बाजारों में भारी भीड़ देखी गई। लोगों ने कपड़े, पूजा के सामान एवं अन्य चीजों की जमकर खरीदारी की।
बिहार के 261 नगर निकायों में 4050 छठ घाटों का निर्माण किया गया है। इनमें से 465 घाटों को खतरनाक श्रेणी में रखा गया है। खतरनाक घाटों पर एहतियातन सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। साथ ही सभी घाटों पर रास्ता, लाइटिंग, अस्थाई शौचालय, सफाई, पानी आदि की पूरी व्यवस्था की गई है। ताकि छठव्रतियों को किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।