दिल्ली से बिहार के सारण जिला अंतर्गत शिवपुरा सपरिवार लौट रहे एक युवक की पत्नी की समय पर इलाज नहीं मिलने से गरीब रथ में तड़पकर शुक्रवार की दोपहर मौत हो गई। तबीयत बिगड़ने पर रेलवे से शिकायत की गई थी, लेकिन किसी ने सुध नहीं ली।
तब युवक ने डायल 108 से एंबुलेंस बुलाई। एंबुलेंस तो स्टेशन पहुंच गई, लेकिन सिग्नल के इंतजार में ट्रेन रास्ते में ही रुकी रही और महिला की मौत हो गई। इससे नाराज यात्रियों ने रेल कर्मचारियों को दोषी ठहराते हुए ट्रेन फूंकने की धमकी देते हुए पितांबरपुर स्टेशन पर जमकर हंगामा किया। यहां आरपीएफ ने समझाकर लोगों को शांत कराया और आधे घंटे बाद गरीब रथ को रवाना कराया।
बिहार के सारण जिला अंतर्गत शिवपुरा के इदरीश अंसारी दिल्ली में रहकर एक कपड़ा फैक्ट्री में काम करते हैं। छुट्टी लेकर 36 वर्षीय पत्नी सलमा खातून और दो बेटियों के साथ गरीब रथ से अपने घर जा रहे थे। बरेली स्टेशन से ट्रेन चलने के बाद सलमा की हालत बिगड़ गई। वह ट्रेन के शौचालय में गिर पड़ी। इदरीस अंसारी ने ट्रेन में मौजूद रेल कर्मचारियों से इलाज कराने की मांग की, लेकिन समय पर मदद नहीं मिली। तब तक इदरीश ने डायल 108 को भी फोन कर दिया था। कॉल पर तत्काल स्वास्थ्य विभाग ने पीतांबरपुर रेलवे स्टेशन पर एंबुलेंस भेज दी।
ट्रेन के पहुंचने से पहले एंबुलेंस स्टेशन पर आकर खड़ी हो गई, लेकिन ट्रेन ही नहीं पहुंच सकी। उसे रसुईया स्टेशन पर ही रोक दिया गया था। इस दौरान खड़ी ट्रेन में ही सलमा खातून ने छटपटा कर दम तोड़ दिया। मौत के बाद लोग आक्रोशित हो गए। पितांबरपुर स्टेशन पर जैसे ही ट्रेन पहुंची, यात्रियों ने हंगामा करके ट्रेन को रोक लिया। रेलवे कर्मचारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। पितांबरपुर स्टेशन कार्यालय में घुसे यात्रियों ने रेलवे कर्मचारियों को दोषी ठहराते हुए धक्का-मुक्की की। सूचना मिलते ही पुलिस टीम भी मौके पर पहुंची और यात्रियों को समझाकर ट्रेन को रवाना कराया।
इस दौरान गरीब रथ करीब आधे घंटे तक पितांबरपुर स्टेशन पर खड़ी रही। महिला का शव एंबुलेंस से फरीदपुर सरकारी अस्पताल में रखवाया गया। आरपीएफ ने पोस्टमार्टम के लिए शव जीआरपी को सौंप दिया। ट्रेन में अचानक मौत होने के बाद इदरीश के दोनों बच्चे सहमे हुए थे। वह बार-बार मां को उठाने की कोशिश कर रहे थे। यह देखकर लोग भावुक को उठे। मासूम बच्चे अपनी मां की मौत से अनजान थे।