मैं निरन्तर इसपर कार्य करता रहूंगा.
ताकि समाज मैं किडनी की बीमारी से बचा सकूं. दिवंगत लोक गायिका शारदा सिन्हा को पद्म विभूषण दिए जाने पर उनके पुत्र अंशुमान सिन्हा ने बोला कि ये बिहार के लिए बहुत गौरव की बात है, एक इतिहास है. लोक संगीत के क्षेत्र में तीनों सर्वोच्च सम्मान प्राप्त करना बिहार के इतिहास में मील का पत्थर है. ये केवल शारदा सिन्हा नहीं बल्कि पूरी लोक संस्कृति का सम्मान है, बिहार की मिट्टी का सम्मान है.उन्होंने बोला कि मैं केंद्र सरकार का हृदय से बहुत धन्यवाद देता हूं. इससे लोकगीत के क्षेत्र में आने वाले लोगों को भी प्रोत्साहन मिलेगा. कि आप महज लोकसंगीत गाकर पूरे विश्व में छा सकते हैं. उन्हें (शारदा सिन्हा) पदमश्री 1991 में मिला. पदमभूषण 2018 में मिला. ये गेप बहुत ज्यादा बड़ा हो गया. लेकिन 2018 के बाद अब उन्हें 2024 का पद्म विभूषण देकर न्याय को बराबर कर दिया गया.