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जीतन राम मांझी देंगे केंद्रीय मंत्री के पद से त्यागपत्र? अटकलों पर कहे- 'मैं चेतावनी देना चाहता हूं कि...'


संवाद 

हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के संरक्षक जीतन राम मांझी की मुंगेर जनसभा में दिए गए वर्णन के बाद उनकी तरफ से केंद्रीय मंत्री पद छोड़े जाने की अटकलें तेज हो गई हैं. इसको लेकर मंगलवार को दिनभर सियासी गलियारों में खलबली मची रही. जिसपर खुद मांझी को सफाई देनी पड़ी. उन्होंने 'एक्स' पर पोस्ट कर लिखा कि कुछ वेब पोर्टल और समाचार चैनलों के द्वारा भ्रमक खबर प्रसारित की जा रही है कि जीतन राम मांझी कैबिनेट से त्यागपत्र देंगे.उन्होंने आगे बोला, "मैंने मुंगेर की सभा में हो रही देरी को लेकर बोला था कि आप लोग लेट कर रहें हैं जिसके वजह से मेरी फ्लाइट छूट जाएगी और मुझे कैबिनेट छोड़ना पड़ेगा. वैसे लोगों को मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि मैं मरते दम तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का साथ नहीं छोडूंगा. हम सब अभी देश और बिहार के हित का कार्य कर रहे हैं तो कुछ मीडिया घराने विपक्ष के इशारे पर हमें बाटने की कोशिश कर रहे हैं. मैं वैसे लोगों को चेतावनी देना चाहता हूं कि वह सचेत हो जाएं अन्यथा मैं उनके विरुद्ध न्यायालय की शरण लूंगा और प्रेस काउंसिल में उनकी शिकायत दर्ज कराऊंगा."इससे पहले पटना में मीडिया से बातचीत के क्रम में भी मांझी मुंगेर की जनसभा में दिए गए बयान से पलटने नजर आए. 

उनसे जब पूछा गया कि क्या 40 सीटें नहीं मिलने पर आप कैबिनेट से त्यागपत्र दे देंगे,

 इसपर मांझी ने बोला, "ऐसा आपसे किसने कहा, कोई नाराजगी नहीं." उनसे पूछा गया कि दिल्ली में आपको सीट नहीं मिली, इससे नाराज हैं? इसपर मांझी ने बोला कि ऐसा कुछ नहीं है. हमें इतना बड़ा पद मिला हुआ है ये कोई मामूली बात है. दिल्ली में हमारा एनडीए को पूरा सपोर्ट रहेगा. दरअसल, मुंगेर की जनसभा में जीतन राम मांझी की झारखंड और दिल्ली विधानसभा चुनाव में सीट न मिलने पर नाराजगी दिखाई दी. उन्होंने बोला कि झारखंड में हमको सीट नहीं मिली, ठीक है नहीं मांगी तो नहीं मिली. दिल्ली में भी सीट नहीं मिली, हमने सीट नहीं मांगी तो नहीं मिली. लेकिन, ये कोई न्याय है क्या? हमारा कोई अस्तित्व नहीं है. जब हमारे प्रोग्रामों में भीड़ आ रही है, वोटर हमें वोट देने को तैयार हैं तो फिर सीट क्यों नहीं मिली. हम फरियाना नहीं चाहते, लेकिन जो हमारा वजूद है उसके आधार पर सीट दो. इससे हमको कोई फायदा नहीं है. हम आपके (लोगों) के फायदे के लिए बोल रहे हैं, लगता है हमें कैबिनेट छोड़ना पड़ेगा. 

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