मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों के अनुकूल इस बार बिहार में पिछले वर्ष की तुलना में ठंड कम पड़ी है.
जिसकी सबसे बड़ी वजह कमजोर पश्चिमी विक्षोभ है. जिसके वजह से दिसंबर के आखिरी हफ्ते और जनवरी में भी लगातार कड़ाके की ठंड नहीं पड़ी. प्रदेश में कोल्ड वेव और कोल्ड-डे की स्थिति कम ही देखने को मिली. बिहार में इस वर्ष जनवरी में न्यूनतम टेंपेरेचर 3 से 4 डिग्री सेल्सियस तक नहीं गया.अभी तक जितने भी पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवाती परिसंचरण बने वो कमजोर ही रहे हैं. जनवरी के महीने में सबसे अधिक औसत टेंपेरेचर खगड़िया में 23.7 डिग्री सेल्सियस रहा तो वहीं सबसे कम न्यूनतम टेंपेरेचर रोहतास के डेहरी में 4.4 डिग्री सेल्सियस रहा. वहीं सबसे ज्यादा 1.6 मिलीलीटर बारिश वाल्मिकीनगर के त्रिवेनीगंज में देखने को मिली.मौसम विभाग की मानें तो 3 फरवरी को एक ताकतवर पश्चिमी विक्षोभ आने वाला है. जिससे पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी होगी और मैदानी इलाकों में वर्षा की संभावना है. 6 फरवरी के बाद जब पश्चिमी विक्षोभ आगे बढ़ेगा तब ठंडी हवाएं उत्तरी बिहार में प्रवेश करेगी. इससे न्यूनतम टेंपेरेचर में गिरावट आएगी, रात के समय अधिक ठंड महसूस होगी.