कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर दिए गए वर्णन पर लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास सांसद शांभवी चौधरी की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने बोला कि यह राष्ट्रपति के अभिभाषण पर उनकी (सोनिया गांधी) नजरिये को दर्शाता है. उन्होंने बहुत अच्छा भाषण दिया. हमारी अपने देश से क्या महत्वकांक्षा होनी चाहिए क्या उम्मीदें हमें अपने देश से होनी चाहिए ये उन्होंने (राष्ट्रपति) बहुत खूबसूरती से बताया. लेकिन कांग्रेस के लोगों का अपना देखने का नजरिया अलग है जिससे उन्हें वो बोरिंग लगा. सांसद शांभवी चौधरी ने आगे बोला कि उन्होंने (राष्ट्रपति) तो वहीं बताया कि कितने कार्य हो गए हैं. उन्होंने टीबी मुक्त भारत के लिए सांसदों से अनुरोध की. उन्होंने इंडस्ट्रीज और AI और टैक्नॉलिजी की बात की. मुझे नहीं लगता कि उन्होंने कोई भी टॉपिक मिस किया. वंचित, दलित शोषित वर्ग से आने वाले लोगों को लेकर आगे कैसे बढ़े उसपर भी उन्होंने बात की. सांसद ने बोला कि एक तरह से उन्होंने (राष्ट्रपति) ने हमारे लिए एक ब्लूप्रिंट तैयार किया अगर उन्हें (सोनिया गांधी) को ये उबाऊ लगता है तो यह उनका नजरिया है, देश को समझना चाहिए कि कैसे विपक्ष के लोग हैं.
सोनिया गांधी के वर्णन पर जेडीयू नेता केसी त्यागी की भी प्रतिक्रिया आई है.
उन्होंने बोला कि माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर सोनिया गांधी द्वारा दिया गया बयान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है. वह राष्ट्र की पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति हैं और उनको लेकर जो असंसदीय टिप्पणी सोनिया गांधी ने की है. हम उसकी निंदा करते हैं. सोनिया गांधी को अपने वक्तव्य को वापस लेना चाहिए और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से माफ़ी मांगनी चाहिए.राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर RJD सासंद मनोज झा ने बोला कि मेरे मन में ख्याल आता है कि राष्ट्रपति को यह आजादी होनी चाहिए कि परंपरा को त्यागते हुए वे कैबिनेट के नोट को न पढ़ें अपने मन की पीड़ा को भी व्यक्त करें. क्या राष्ट्रपति को नहीं लग रहा है कि इस देश में आय की असमानता, बेरोजगारी कितनी विकराल हो गई है.