दुलारी देवी ने बताया कि ये साड़ी बनाने में लगभग एक महीने समय लगा था.
जिस पर मिथिलांचल की पहचान मछली सहित अन्य आकृति बनाई गई है. इस साड़ी में वित्त मंत्री को बजट पेश करते देख उन्हें बहुत खुशी हुई. उन्होंने बोला कि उनको लगा कि मधुबनी पेंटिंग के कलाकारों को इसके द्वारा सम्मान दिया गया है. उन्होंने बोला कि ये कलाकारों के सम्मान का उचित इनाम है. इससे कलाकारों के मनोबल को बढ़ावा मिलेगा. दुलारी देवी ने वित्त मंत्री को पूरे मिथिला, बिहार और देश की तरफ से धन्यवाद दिया.
बता दें कि सरकार की तरफ से मधुबनी जिले के रांटी और जितवारपुर गांव को शिल्प गांव की मान्यता दी गई है. इस गांव का विकास मधुबनी पेंटिंग के कलाकारों की उत्कृष्ट पेंटिंग को प्रोत्साहित करने और कलाकारों को आगे बढ़ाने के किया जाता रहा है. भारत सरकार के द्वारा यहां के कलाकारों को भी प्रोत्साहित किया जाता रहा है. यहां के कलाकारों को राज्य पुरस्कार, राष्ट्रीय पुरस्कार, पद्मश्री व अन्य सम्मान मिल चुके हैं. जितवारपुर की सीता देवी, जगदंबा देवी, रांटी की महासुन्दरी देवी, गोदावरी दत्ता, बउआ देवी और दुलारी देवी सहित कई कलाकारों को मधुबनी पेंटिंग की कला के लिए पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया गया है.विश्वभर में मिलने वाली मिथिला पेंटिंग की कलाकृतियां मधुबनी जिले में ही मुख्य रूप से बनाई जाती है. इसकी शुरुआत सैकड़ो साल पूर्व मधुबनी जिले में कलाकारों ने की थी. जिसके बाद निरंतर इसकी मांग बढ़ने लगी. इसके बाद यहां के कलाकारों ने इसे व्यवसाय के रूप में विकसित कर लिया. इस क्षेत्र में हजारों की संख्या में मधुबनी पेंटिंग के कलाकार है जो विभिन्न क्षेत्रों में पेंटिंग बनाकर अपना जीवन यापन कर रहे हैं. वित्त मंत्री द्वारा मधुबनी पेंटिंग की साड़ी पहनकर बजट पेश करने पर मधुबनी पेंटिंग कलाकारों, मिथिलांचल सहित मिथिला चित्रकला संस्थान में खुशी की लहर है.