और जब मंच पर सम्मानित की गई बांस घाट पर लाश जलाने वाली मिनता और प्रमिला....

अनूप नारायण सिंह 
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर पूरे बिहार में जितने भी कार्यक्रम आयोजित हुए उन सभी कार्यक्रमों में सबसे बेहद खास कार्यक्रम रहा आइए प्रेरित करें बिहार अभियान के गार्गी चैप्टर द्वारा पटना के आईएमए हॉल में आयोजित सम्मान समारोह जिसमें पटना के बांस घाट पर सैकड़ों लाशों को जला चुकी दो सशक्त महिलाओं को गृह विभाग के विशेष सचिव विकास वैभव ने सम्मानित किया। सम्मानित होने वाली दोनों महिलाओं का नाम है मिनता देवी और प्रमिला देवी दोनों बांस घाट पर कोविड काल में भी लाशों को जलाने के कार्य में लगी रहती थी इन दोनों की कहानियां काफी प्रेरक है समाज के सब से वंचित तबके से आने वाली इन दोनों महिलाओं ने ऐसे कार्य को अंजाम तक पहुंचाया जिसे करने में पुरुषों का भी रूह कांप जाता है लाशों के अंतिम क्रिया कर्म में जब अपने परिजन गोविंद काल में भाग रहे थे तब इन दोनों महिलाओं ने आगे बढ़कर लाशों को जलाना शुरू किया प्रत्येक लाश को जलाने की आवाज में ने 200 से ₹300 मिलते थे कितनी लाशों को इन्होंने जलाया इसकी गिनती नहीं है पर चेहरे पर शिकन नहीं जब उनसे पूछा गया कि क्या ऐसा कार्य करने से लोग इनके प्रति घृणा का भाव रखते हैं तो उन्होंने कहा कि घृणा का भाव क्यों रखेंगे पेट के भूख की आग से बड़ी चिता की भी आग नहीं होती यह इस अपना काम समझ कर लाशों को जलाती थी 200 से ₹300 इन्हें मिलते थे पटना के बांस घाट पर लकड़ी पर जलने वाली लाशों से निकलने वाले कोयले को बेच कर अपना जीवन यापन करती है उन्होंने कहा कि पहली बार किसी मंच पर इन्हें इतने आदर और सम्मान के साथ सम्मानित किया गया है दोनों के आंखों में आंसू आ चुके थे। उन्होंने कहा कि जिन्होंने सम्मानित किया है उनके बारे में लोग आज सुबह से बता रहे थे कि पुलिस के बड़े पदाधिकारी हैं काफी ईमानदार है कभी भी इतने बड़े आदमी को इतने नजदीक से नहीं देखा था। सर्व विदित हो कि आइए प्रेरित करें बिहार अभियान के तहत जो कार्यक्रम आयोजित था उसमें 25 सशक्त महिलाओं को पूरे बिहार से चुनकर लाया गया था उसी में यह दोनों महिलाएं भी थी जिन्हें मंच पर सबसे पहले सम्मानित किया गया जब इनका नाम पुकारा गया और उनके द्वारा किए गए कार्यों के बारे में मंच से बताया गया तो कुछ देर तक तालियों की गड़गड़ाहट गूंजती रही और लगा सही मायने में महिला सशक्तिकरण यही है। मंच पर पद्मश्री डॉ उषा किरण खान पद्मश्री डॉ शांति सिंह गंगा बचाओ अभियान की अंजू रोमा भी मौजूद थी।

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