फिल्ममेकर श्याम बेनेगल का निधन:90 की उम्र में ली अंतिम सांस; 8 बार जीता नेशनल फिल्म अवॉर्ड

संवाद 

प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक, पटकथा लेखक और निर्माता श्याम बेनेगल का सोमवार को मुंबई में निधन हो गया है। उन्होंने 90 साल की उम्र में अंतिम सांस ली।

श्याम बेनेगल की फिल्मों ने भारतीय सिनेमा को बेहतरीन कलाकार दिए, जिनमें नसीरुद्दीन शाह, ओम पुरी, अमरीश पुरी, अनंत नाग, शबाना आजमी, स्मिता पाटिल और सिनेमेटोग्राफर गोविंद निहलानी प्रमुख हैं।

जवाहरलाल नेहरू और सत्यजीत रे पर डॉक्युमेंट्री बनाने के अलावा उन्होंने दूरदर्शन के लिए धारावाहिक 'यात्रा', 'कथा सागर' और 'भारत एक खोज' का भी निर्देशन किया।

श्याम ने 1974 की फिल्म अंकुर से बतौर डायरेक्टर करियर की शुरुआत की थी।
पद्म श्री और पद्म भूषण से सम्मानित हो चुके...

फिल्म जगत को दिए योगदान के लिए उन्हें 1976 में पद्मश्री और 1991 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। इसके अलावा इनके खाते में 8 नेशनल अवॉर्ड हैं। सबसे ज्यादा नेशनल अवॉर्ड जीतने का रिकॉर्ड इन्हीं के नाम है। 1991 में भारत सरकार ने इन्हें पद्म भूषण से भी नवाजा। बेनेगल को 2005 में भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े सम्मान दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड भी दिया गया।

कांस फिल्म फेस्टिवल (1976) में फिल्म निशांत का प्रमोशन करते श्यान बेनेगल। इस मौके पर एक्ट्रेस शबाना आजमी भी मौजूद थीं। - Dainik Bhaskar
कांस फिल्म फेस्टिवल (1976) में फिल्म निशांत का प्रमोशन करते श्यान बेनेगल। इस मौके पर एक्ट्रेस शबाना आजमी भी मौजूद थीं।
श्याम की फिल्मों ने 8 नेशनल अवॉर्ड जीते

श्याम बेनेगल ने जुबैदा, द मेकिंग ऑफ द महात्मा, नेताजी सुभाष चंद्र बोसः द फॉरगोटन हीरो, मंडी, आरोहन, वेलकम टु सज्जनपुर जैसी दर्जनों बेहतरीन फिल्में बनाई हैं। उनकी फिल्मों ने 8 नेशनल अवॉर्ड जीते हैं। उन्हें दादा साहब फाल्के सम्मान भी मिल चुका है।

2010 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने श्याम बेनेगल को रजत कमला अवॉर्ड से सम्मानित किया था।
गुरु दत्त के कजिन हैं श्याम बेनेगल

श्याम सुंदर बेनेगल का जन्म 14 दिसम्बर 1934 को हैदराबाद के मिडिल क्लास परिवार में हुआ। ये मशहूर एक्टर और फिल्ममेकर गुरुदत्त के कजिन हैं। श्याम के पिता को स्टिल फोटोग्राफी का शौक था। श्याम भी अक्सर बच्चों की तस्वीरें लिया करते थे। अर्थशास्त्र में एम.ए. करने के बाद वे फोटोग्राफी करने लगे। पहली फिल्म 'अंकुर' बनाने से पहले उन्होंने एड एजेंसियों के लिए कई एड फिल्में बनाई थीं। फिल्म और एड बनाने से पहले श्याम बतौर कॉपी राइटर काम किया करते थे।

Shyam Benegal Death: आर्ट सिनेमा के जनक माने जाने वाले डायरेक्टर श्याम बेनेगल का निधन

Shyam Benegal Death: आर्ट सिनेमा के जनक श्याम बेनेगल का 90 साल की उम्र में निधन हो गया है. वो लंबे समय से बीमार चल रहे थे.
Shyam Benegal Death: आर्ट सिनेमा के जनक माने जाने वाले डायरेक्टर श्याम बेनेगल का निधन
श्याम बेनेगल का निधन

Shyam Benegal Death: बॉलीवुड को मंथन, अंकुर जैसी शानदार फिल्में देने वाले जाने-माने फ़िल्म निर्देशक श्याम बेनेगल का निधन हो गया है. लम्बे अर्से से बीमार चल रहे मगर फिर भी अलग अलग परियोजनाओं पर काम‌ कर रहे श्याम बेनेगल की उम्र 90 साल थी. श्याम बेनेगल का निधन शाम 6.39 बजे हुआ.

श्याम बेनेगल की बेटी पिया बेनेगल ने श्याम बाबू की मौत की पुष्टि की. बताया कि आज शाम 6.38 बजे उनका निधन मुम्बई सेंट्रेल स्थित वोकार्ट अस्पताल में हुआ.

 इस बीमारी से थे पीड़ित

पिया बेनेगल ने बताया कि उनके पिता क्रॊनिक किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे और वो इस बीमारी के अंतिम चरण में पहुंच गये थे. श्याम बेनेगल की उम्र 90 साल थी. अंतिम संस्कार के बारे में बात में निर्णय लिया जाएगा. श्याम बेनेगल ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनकी दोनों किडनी फेल हो गई हैं और घर पर ही उनका डायलिसिस चल रहा है.

 8 नेशनल अवॉर्ड जीते

श्याम बेनेगल की फिल्मों ने 8 नेशनल अवॉर्ड जीते थे. उन्होंने जुबैदा, द मेकिंग ऑफ द महात्मा, नेताजी सुभाष चंद्र बोसः द फॉरगोटन हीरो, मंडी, आरोहन, वेलकम टु सज्जनपुर जैसी दर्जनों बेहतरीन फिल्में बनाई हैं. उनकी फिल्मों ने 8 नेशनल अवॉर्ड जीते हैं. श्यान बेगेनल को दादा साहब फाल्के सम्मान भी मिल चुका है.
श्याम बेनेगल ने अपने करियर में 24 फिल्में, 45 डॉक्यूमेंट्री और 1500 एड फिल्म्स बनाई हैं. उन्हेंन 1976 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था. 1991 में श्याम बेगेन को पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया था.

 *फिल्मों से पहले करते थे फोटोग्राफी
फिल्मों में कदम रखने से पहले श्याम बेनेगल ने कई काम किए हैं. उन्होंने पहले अर्थशास्त्र में पढ़ाई की. उसके बाद उन्होंने फोटोग्राफी शुरू की थी.उन्हें फोटोग्राफी का बहुत शौक था. जब वो 12 साल के थे तब उन्होंने अपने पिता श्रीधर बी.बेनेगल के लिए कैमरे पर अपनी पहली फिल्म बनाई थी.

" भारत एक खोज " पुस्तक के लेखक थे - पंडित जवाहरलाल नेहरू। (अंग्रेजी में इस किताब का नाम, "डिस्कवरी ऑफ इण्डिया" हैं।) इस किताब पर आधारित निर्देशक श्याम बेनेगल ने दूरदर्शन चैनल पर धारावाहिक बनाया था।

भारत एक खोज किताब के लेखक पंडित जवाहरलाल नेहरू हैं. अंग्रेज़ी में इस किताब का नाम 'डिस्कवरी ऑफ़ इंडिया' है. इसे नेहरू जी ने 1944 में अहमदनगर की जेल में लिखा था. नेहरू जी ने इसे अंग्रेज़ी में लिखा था और बाद में इसका हिन्दी और कई और भाषाओं में अनुवाद किया गया. 
इस किताब के बारे में कुछ और खास बातेंः
यह किताब भारत की आज़ादी से पहले लिखी गई थी. 
नेहरू जी ने इसे ब्रिटिश औपनिवेशिक अधिकारियों द्वारा 1942-1945 के बीच महाराष्ट्र के अहमदनगर किले में कैद रहते हुए लिखा था. 
इस किताब को क्लासिक का दर्जा हासिल है. 
इस किताब की प्रस्तावना भारतीय किसान संघ के संपादक जी सुब्रमण्य अय्यर ने लिखी थी. 
इस किताब पर आधारित एक धारावाहिक भी बनाया गया था. इस धारावाहिक का नाम भी 'भारत एक खोज' है और इसे निर्देशक श्याम बेनेगल ने बनाया था. यह धारावाहिक भारतीय उपमहाद्वीप के इतिहास को दिखाता है.

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