राजस्थान विधानसभा में धर्मांतरण विरोधी विधेयक पेश, दोषी पाए जाने पर होगी 10 साल तक की सजा

संवाद 

 राजस्थान विधानसभा में धर्मांतरण विरोधी विधेयक पेश किया गया है. राज्य की भजनलाल सरकार की ओर से पेश किए गए इस विधेयक पर चर्चा होगी. 

मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर की ओर से पेश किए गए इस विधेयक में लव जिहाद और धर्मांतरण पर कठोर सज का प्रावधान है.

नए कानून के तहत जबरन धर्मांतरण पर तीन से दस साल की सजा का प्रावधान है. अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन करने पर भी 60 दिन पहले कलेक्टर को इसकी सूचना देनी होगी.

बता दें कि झारखंड, कर्नाटक और गुजरात में ये कानून पहले से ही लागू है. लव जिहाद करने वाले व्यक्ति के विवाह को पारिवारिक न्यायालय निरस्त कर सकता है. इसे गैर जमानी अपराध माना जाएगा. 

बता दें कि 2008 में वसुंधरा राजे सरकार के समय भी बिल लाया गया था. लेकिन राष्ट्रपति की मंजूरी नहीं मिलने से बिल लागू नहीं हो पाया था. 

लिव- इन-रिलेशनशिप के लिए अनिवार्य हो सकता है रजिस्ट्रेशन

राजस्थान में प्रस्तावित धर्मांतरण विरोधी कानून के लिए बिल में उत्तराखंड की तर्ज पर कड़े प्रावधान किए जा सकते हैं. साथ ही लिव -इन -रिलेशनशिप में रहने वालों के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य का प्रावधान भी शामिल किया जा सकता है. वहीं, दूसरे धर्म में शादी करने वालों के लिए नए नियम और शर्तें लागू हो सकती है.

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