महाकुंभ 2025 को लेकर बिहार के वरिष्ठ नेता पप्पू यादव ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने श्रद्धालुओं की संख्या को लेकर सवाल उठाए हैं और इसे सिर्फ धार्मिक आस्था से जोड़कर देखने के बजाय इसमें छिपे अन्य पहलुओं की जांच की मांग की है।
🔹 क्या बोले पप्पू यादव?
✔ पप्पू यादव ने कहा कि "महाकुंभ में लाखों-करोड़ों श्रद्धालु शामिल होते हैं, लेकिन सरकार को यह भी देखना चाहिए कि इतनी भारी भीड़ में कितने लोग वास्तव में आस्था से जुड़े होते हैं और कितने लोग किसी और मकसद से वहां पहुंचते हैं।"
✔ उन्होंने कहा कि सरकार को महाकुंभ के नाम पर हो रही अनियमितताओं की भी जांच करनी चाहिए।
✔ उन्होंने प्रशासन से यह सवाल किया कि "अगर हर साल करोड़ों श्रद्धालु आते हैं, तो उनके लिए पर्याप्त व्यवस्था क्यों नहीं होती?"
📌 श्रद्धालुओं की भीड़ पर चिंता
➡ पप्पू यादव ने कहा कि सुरक्षा और सुविधाओं पर भी सवाल उठ रहे हैं।
➡ उन्होंने सरकार से पूछा कि इतनी भारी संख्या में लोग आ रहे हैं, लेकिन क्या उनकी सुविधा और सुरक्षा का सही इंतजाम किया गया है?
➡ उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि "सरकार धार्मिक आयोजनों को सिर्फ प्रचार के लिए इस्तेमाल कर रही है, लेकिन आम लोगों की परेशानियों पर ध्यान नहीं दे रही।"
🚨 महाकुंभ में अव्यवस्था पर भी उठाए सवाल
✔ पप्पू यादव ने दावा किया कि हर साल महाकुंभ में अव्यवस्था की खबरें आती हैं, लेकिन सरकार इस पर ध्यान नहीं देती।
✔ उन्होंने मांग की कि सरकार को महाकुंभ की तैयारियों और भीड़ प्रबंधन को लेकर ठोस कदम उठाने चाहिए।
🎯 सियासी विवाद तेज़!
➡ पप्पू यादव के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में बहस छिड़ गई है।
➡ बीजेपी और आरएसएस से जुड़े संगठनों ने इसे श्रद्धालुओं की आस्था पर हमला बताया, जबकि पप्पू यादव ने साफ किया कि वह किसी धर्म या आस्था के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि सरकार की नीतियों पर सवाल उठा रहे हैं।
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