बिहार विधानसभा का सत्र इस बार बेहद खास और सियासी गर्मी से भरपूर नजर आ रहा है। लेकिन सोमवार को एक अलग ही नजारा देखने को मिला, जब वामदलों (लेफ्ट पार्टियों) के नेता हाथों में बेड़ियां डालकर विधानसभा पहुंचे। इस अनोखे विरोध प्रदर्शन ने हर किसी का ध्यान खींच लिया।
क्या है वामदलों का आरोप?
वामदलों के नेताओं ने सरकार पर लोकतंत्र को कुचलने और जनता की आवाज दबाने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि—
✔ विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है।
✔ सरकार गरीबों, मजदूरों और किसानों की अनदेखी कर रही है।
✔ लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन हो रहा है, इसलिए उन्होंने खुद को बेड़ियों में जकड़ लिया।
किस बात पर प्रदर्शन कर रहे हैं वामदल?
वामदलों के नेता कई मुद्दों को लेकर सड़क से सदन तक विरोध कर रहे हैं—
🔹 बेरोजगारी और महंगाई पर सरकार की नाकामी।
🔹 किसानों के लिए उचित नीतियां न बनाना।
🔹 श्रमिकों और मजदूरों के अधिकारों की अनदेखी।
🔹 लोकतांत्रिक अधिकारों पर हो रहे कथित हमले।
क्या रही विधानसभा अध्यक्ष की प्रतिक्रिया?
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि हर किसी को अपनी बात रखने का हक है, लेकिन सदन के नियमों का पालन करना जरूरी है। वहीं, सत्ता पक्ष ने वामदलों के इस प्रदर्शन को 'नाटक' और 'स्टंटबाजी' करार दिया।
अब आगे क्या होगा?
वामदल के नेता इस मुद्दे को लेकर और आक्रामक रुख अपनाने की तैयारी में हैं। वे सदन में जोरदार बहस और सड़क पर आंदोलन करने की चेतावनी दे रहे हैं।
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