लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही बिहार की राजनीति में सरगर्मी तेज हो गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बिहार को अपनी चुनावी रणनीति का मुख्य केंद्र बना लिया है और बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उनकी रैलियों और बयानों से साफ है कि बिहार 2024 के चुनावों में कांग्रेस के लिए ‘बैटलफील्ड’ बन चुका है।
राहुल गांधी के आक्रामक तेवर
राहुल गांधी ने हाल ही में बिहार के कई जिलों में जनसभाएं कीं, जहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि "बीजेपी सरकार गरीबों, किसानों और युवाओं के साथ अन्याय कर रही है, और कांग्रेस इसे बर्दाश्त नहीं करेगी।"
उन्होंने महंगाई, बेरोजगारी और जातिगत जनगणना के मुद्दे को उछालते हुए नीतीश कुमार और बीजेपी पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया।
मोदी सरकार पर बड़ा हमला
राहुल गांधी ने अपने भाषणों में कहा कि "मोदी सरकार सिर्फ अमीरों के लिए काम कर रही है, जबकि गरीब और मध्यम वर्गीय परिवार संघर्ष कर रहे हैं।" उन्होंने बिहार के लोगों से अपील की कि वे "सच्चाई और न्याय के लिए कांग्रेस का समर्थन करें।"
बिहार में कांग्रेस की बढ़ती सक्रियता
कांग्रेस बिहार में अपना खोया जनाधार वापस पाने की कोशिश कर रही है। राहुल गांधी लगातार जनता से संवाद कर रहे हैं, दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। इसके अलावा, पार्टी महागठबंधन के साथ अपने समीकरण मजबूत करने में जुटी हुई है।
बीजेपी का पलटवार
राहुल गांधी के इस आक्रामक रुख पर बीजेपी ने भी जवाब दिया है। बीजेपी नेताओं ने कहा कि "राहुल गांधी सिर्फ चुनाव के समय बिहार आते हैं और झूठे वादे करते हैं। उनकी पार्टी खुद कई राज्यों में हाशिये पर है।"
क्या बिहार से बदलेगा सियासी समीकरण?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर कांग्रेस बिहार में अपनी स्थिति मजबूत करती है, तो यह 2024 के चुनावों में बड़ा असर डाल सकता है। बिहार हमेशा से राजनीतिक रूप से अहम राज्य रहा है, और राहुल गांधी की बढ़ती सक्रियता इसे कांग्रेस के लिए बड़ी चुनावी जंग बना सकती है।
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