बिहार की राजनीति में एक नया मुद्दा गर्मा गया है। पटना में आयोजित कुर्मी समाज की रैली में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार को लेकर जमकर चर्चा हुई। समाज के कई लोगों ने सवाल उठाया कि "क्या निशांत को भी बुलाया गया?" इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है।
🔹 आखिर क्या है पूरा मामला?
➡ पटना में कुर्मी समाज के लोगों ने एक बड़ी रैली की, जिसमें समाज की राजनीतिक स्थिति और भविष्य पर चर्चा हुई।
➡ इसी दौरान कुछ लोगों ने सवाल उठाया कि नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार को इस तरह की बैठकों में क्यों नहीं बुलाया जाता?
➡ निशांत कुमार सियासत से हमेशा दूरी बनाए रखते हैं, लेकिन इस बार उनके नाम का जिक्र होते ही राजनीति गरमा गई।
📌 कुर्मी समाज के नेताओं का बयान
✔ कुछ नेताओं का कहना था कि निशांत कुमार को राजनीति में सक्रिय होना चाहिए।
✔ कुछ लोगों ने यह भी कहा कि जब परिवार के दूसरे सदस्य आगे आते हैं, तो नीतीश कुमार के बेटे क्यों नहीं?
✔ कुछ वरिष्ठ नेताओं ने इसे "सिर्फ एक व्यक्तिगत मामला" बताया और ज्यादा तूल न देने की बात कही।
🚨 क्या निशांत कुमार राजनीति में आ सकते हैं?
➡ निशांत कुमार अब तक राजनीति से पूरी तरह दूर रहे हैं और उनका इस क्षेत्र में आने का कोई संकेत नहीं मिला है।
➡ नीतीश कुमार भी कई बार कह चुके हैं कि उनका बेटा राजनीति में दिलचस्पी नहीं रखता।
➡ लेकिन अब कुर्मी समाज में यह मांग उठने से राजनीतिक अटकलें तेज हो गई हैं।
🎯 RJD और BJP ने क्या कहा?
➡ RJD ने तंज कसा: "अगर नीतीश कुमार का परिवार राजनीति में आए तो यह परिवारवाद नहीं, लेकिन दूसरे दलों में हो तो परिवारवाद?"
➡ BJP ने कहा: "नीतीश कुमार अपने बेटे को खुद आगे नहीं लाना चाहते, यह उनका निजी फैसला है।"
क्या आगे होगा कोई बड़ा सियासी कदम?
➡ क्या कुर्मी समाज की इस मांग पर नीतीश कुमार कोई प्रतिक्रिया देंगे?
➡ क्या निशांत कुमार भविष्य में राजनीति में आएंगे या इससे दूरी बनाए रखेंगे?
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