बिहार में शिक्षा विभाग ने एक बड़ा प्रशासनिक फैसला लेते हुए जिलों के शिक्षा अधिकारियों (DEO), हेडमास्टर और अन्य प्रशासनिक पदों पर तैनात अधिकारियों को तगड़ा झटका दिया है। ACS एस. सिद्धार्थ के निर्देश पर जारी इस फैसले से राज्य के शैक्षणिक ढांचे में बड़ा बदलाव होने की संभावना है।
🔹 क्या है नया आदेश?
➡ विद्यालयों की सख्त निगरानी: शिक्षा विभाग ने सभी सरकारी स्कूलों की कार्यशैली पर कड़ा रुख अपनाया है।
➡ अनियमितताओं पर कार्रवाई: गैर-जिम्मेदाराना रवैये और शिक्षा के स्तर में गिरावट को लेकर जवाबदेही तय की जा रही है।
➡ DEO, BEO और हेडमास्टर पर कड़ी नजर: किसी भी प्रकार की लापरवाही मिलने पर सीधी कार्रवाई होगी।
➡ शिक्षकों की उपस्थिति पर फोकस: स्कूलों में शिक्षकों की 100% उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
📌 किन अधिकारियों पर पड़ेगा असर?
✔ जिलों के शिक्षा पदाधिकारी (DEO)
✔ खंड शिक्षा पदाधिकारी (BEO)
✔ सरकारी स्कूलों के हेडमास्टर
✔ विद्यालय प्रबंधन से जुड़े अन्य अधिकारी
🚨 क्यों लिया गया यह फैसला?
✅ बिहार में शिक्षा व्यवस्था को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही थीं।
✅ स्कूलों में शिक्षकों की गैरहाजिरी, पढ़ाई में गिरावट और भ्रष्टाचार को देखते हुए यह सख्त कदम उठाया गया है।
✅ शिक्षा विभाग के अनुसार, अब किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
🎯 आगे क्या होगा?
➡ सभी जिलों के DEO और हेडमास्टर को अपने-अपने क्षेत्र की रिपोर्ट देने का आदेश दिया गया है।
➡ निरीक्षण टीमों को एक्टिव किया गया है, जो स्कूलों में जाकर औचक जांच करेंगी।
➡ किसी भी प्रकार की धांधली या लापरवाही पाए जाने पर अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।
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