संवाद 
प्रसिद्ध UPSC कोचिंग गुरु अवध ओझा, जो अपने प्रेरणादायक लेक्चर्स के लिए जाने जाते हैं, पटपड़गंज विधानसभा सीट से चुनाव हार गए हैं। वे इस चुनाव में पहली बार अपनी किस्मत आजमा रहे थे, लेकिन उन्हें जीत नहीं मिल सकी। इस सीट पर आम आदमी पार्टी (AAP) के उम्मीदवार मनीष सिसोदिया के करीबी नेता को जीत मिली है।
राजनीति में नई पारी, लेकिन नहीं चला जादू
अवध ओझा, जो IAS परीक्षा की तैयारी कराने के लिए पूरे भारत में मशहूर हैं, इस बार राजनीति में अपनी नई पारी खेलने उतरे थे। उन्हें उम्मीद थी कि उनके लाखों विद्यार्थियों और समर्थकों का साथ उन्हें चुनावी मैदान में भी मजबूत करेगा। लेकिन पटपड़गंज सीट पर जनता ने उन्हें खारिज कर दिया।
कितने वोटों से हारे अवध ओझा?
मतगणना के आंकड़ों के अनुसार, AAP प्रत्याशी ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की है, जबकि अवध ओझा को अपेक्षित समर्थन नहीं मिला। उनकी हार के पीछे कई वजहें बताई जा रही हैं, जिनमें स्थानीय राजनीति की समझ की कमी, पार्टी संगठन की कमजोरी और मजबूत विरोधी प्रत्याशी का सामना करना शामिल है।
क्या राजनीति में बने रहेंगे अवध ओझा?
अब सवाल यह उठता है कि क्या अवध ओझा राजनीति में आगे भी सक्रिय रहेंगे, या फिर वे अपने पुराने पेशे यानी UPSC कोचिंग की दुनिया में लौट जाएंगे? उनके समर्थक मानते हैं कि इस हार के बावजूद वे संघर्ष जारी रखेंगे और आने वाले चुनावों में मजबूत वापसी कर सकते हैं।
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