बिहार की राजनीति में बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। किशनगंज जिले के बहादुरगंज विधानसभा से चार बार विधायक रह चुके तौसीफ आलम ने कांग्रेस पार्टी से नाता तोड़ते हुए AIMIM का दामन थाम लिया है। गुरुवार को उन्होंने सोशल मीडिया पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के साथ तस्वीर साझा कर अपने नए राजनीतिक सफर की शुरुआत की जानकारी दी।
तौसीफ आलम की यह राजनीतिक चाल किशनगंज की सियासत में बड़ा बदलाव ला सकती है, जहां मुस्लिम मतदाताओं का प्रभाव काफी अहम माना जाता है। कांग्रेस को उनके जाने से बड़ा झटका लगा है, वहीं AIMIM को सीमांचल क्षेत्र में मजबूती मिलने की उम्मीद है।
इस मौके पर पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी भी बताई जा रही है, हालांकि तौसीफ आलम ने अभी तक सार्वजनिक रूप से अपने इस फैसले के पीछे की वजहों को विस्तार से नहीं बताया है। मगर माना जा रहा है कि सीमांचल में AIMIM के बढ़ते प्रभाव और कांग्रेस की निष्क्रियता इसकी बड़ी वजह हो सकती है।
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