बिहार में नीट-यूजी 2025 की परीक्षा को लेकर फर्जीवाड़ा करने की एक और चौंकाने वाली घटना सामने आई है। इस बार समस्तीपुर जिले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक चिकित्सक भी शामिल है। यह डॉक्टर बेगूसराय जेल में पदस्थापित है और उस पर आरोप है कि उसने असली उम्मीदवारों की जगह फर्जी अभ्यर्थियों को परीक्षा दिलवाने की साजिश रची थी।
पुलिस के अनुसार, सोमवार को समस्तीपुर के मोहनपुर इलाके में स्थित एक परीक्षा केंद्र के पास एक संदिग्ध कार की जांच की गई। तलाशी के दौरान वाहन में मौजूद दो लोगों के मोबाइल फोन से कई परीक्षार्थियों के एडमिट कार्ड बरामद हुए। जब उनसे पूछताछ की गई, तो डॉक्टर ने स्वीकार किया कि उसने परीक्षा में हेराफेरी की योजना बनाई थी।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) संजय पांडे ने बताया कि आरोपी डॉक्टर के फोन में जिन अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र पाए गए, उनमें से कई के विवरण बदले गए थे ताकि कोई और उनकी जगह परीक्षा दे सके।
पुलिस ने दोनों आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस साजिश में और कौन-कौन लोग शामिल हैं। संभावना जताई जा रही है कि यह एक संगठित गिरोह का हिस्सा हो सकता है, जो मोटी रकम लेकर नीट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में अभ्यर्थियों की जगह सॉल्वर बिठाने का धंधा करता है।
यह घटना एक बार फिर दिखाती है कि किस तरह से मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा कर युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। शिक्षा विभाग और जांच एजेंसियां इस मामले को गंभीरता से लेते हुए व्यापक कार्रवाई में जुटी हैं।
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