पटना: बिहार में आगामी चुनाव को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राजनीतिक समीकरण मजबूत करने के लिए नया दांव खेला है। तेजस्वी यादव और महागठबंधन के साथ चल रहे वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी की काट खोजते हुए बीजेपी ने फैसला लिया है कि वह राज्य के हर प्रमंडल में मछुआरा सम्मेलन आयोजित करेगी।
यह सम्मेलन एनडीए की बजाय सिर्फ भाजपा के बैनर तले आयोजित होंगे। पार्टी का उद्देश्य मल्लाह और निषाद समुदाय में अपनी पकड़ मजबूत करना है, जो परंपरागत रूप से सहनी के समर्थक माने जाते हैं।
बीजेपी नेताओं का मानना है कि इन सम्मेलनों के माध्यम से वे सीधे समुदाय से संवाद कर सकेंगे और उन्हें पार्टी की नीतियों से जोड़ सकेंगे। इस पहल को राजनीतिक तौर पर सहनी के प्रभाव को कम करने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह कदम बिहार की जातीय राजनीति में बदलाव के संकेत दे सकता है, जहां पर मछुआरा समाज का वोट आगामी चुनावों में निर्णायक भूमिका निभा सकता है।