जिले के दो गांव फौजियों के गांव के नाम से मशहूर हैं। इन गांवों से बड़ी संख्या में युवा सेना, अर्धसैनिक बल और पुलिस बल में सेवा दे रहे हैं। यही वजह है कि हर राष्ट्रीय संकट या सीमा पर हलचल की खबर से गांवों में चिंता और देशभक्ति दोनों चरम पर होती है।
जब भी सीमा पर कोई गतिविधि होती है, तो गांव के लोग टीवी और रेडियो से चिपक जाते हैं, ताकि अपने जवान बेटों की सलामती की खबर मिल सके। इन गांवों में देश के प्रति समर्पण बचपन से ही बच्चों में देखा जाता है, और सेना में जाने को गौरव समझा जाता है।
जब सैनिक छुट्टी में अपने गांव आते हैं, तो उनका हीरो की तरह स्वागत किया जाता है, और पूरा गांव उनके अनुभवों को सुनने के लिए उत्साहित रहता है।