बिहार में चुनावी माहौल के बीच रोजगार और क्षेत्रीय विवाद जैसे मुद्दों पर बयानबाजी तेज हो गई है। इस बीच मनीष वर्मा ने राइट टू वर्क (कार्य का अधिकार) को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि,
"बिहार के लोग भी बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों में जाकर नौकरी करते हैं। ऐसे में संविधान द्वारा दिए गए अधिकारों में कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए।"
उन्होंने यह भी कहा कि संविधान सबको समान अवसर और काम करने का अधिकार देता है, चाहे वह किसी भी राज्य का नागरिक हो। वर्मा के इस बयान को हाल के दिनों में विभिन्न राज्यों में बाहरी लोगों के खिलाफ उठी आवाजों के संदर्भ में काफी अहम माना जा रहा है।
उन्होंने यह भी जोड़ा कि, "हमारे युवाओं को भी दूसरे राज्यों में उतना ही सम्मान और अवसर मिलना चाहिए जितना हम अपने राज्य में बाहरी लोगों को देते हैं।"
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मनीष वर्मा का यह बयान क्षेत्रीय राजनीति में एक संतुलित दृष्टिकोण की ओर इशारा करता है।