बांका जिले में गेहूं की सरकारी खरीद बेहद धीमी गति से हो रही है। इसका मुख्य कारण यह है कि किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की तुलना में खुले बाजार में अधिक कीमत पा रहे हैं, जिससे वे वहां गेहूं बेचना ज्यादा फायदेमंद समझ रहे हैं।
सरकार ने जिले के लिए 31,280 क्विंटल गेहूं खरीद का लक्ष्य तय किया है, लेकिन अब तक महज 22 टन गेहूं ही खरीदा गया है। इससे स्पष्ट है कि किसानों की सरकारी खरीद में रुचि कम हो रही है।
स्थानीय व्यापारियों द्वारा एमएसपी से अधिक कीमत देने के कारण किसान अपना गेहूं बाजार में आसानी से बेचकर सीधा लाभ कमा रहे हैं। प्रशासन के लिए यह एक बड़ी चुनौती बन गई है कि किसानों को सरकारी खरीद की ओर कैसे आकर्षित किया जाए।