पटना: एनडीए के अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनाव 2025 नजदीक आएंगे, गठबंधन में शामिल सभी दलों के बीच अपने-अपने प्रभाव क्षेत्र और सीटों के बंटवारे को लेकर बयानबाजी और दबाव की राजनीति तेज़ हो सकती है।
सूत्रों के अनुसार, हालांकि एनडीए की केंद्रीय और राज्य स्तरीय इकाइयां सीटों को लेकर आपसी सहमति बनाने की कोशिश में जुटी हैं, लेकिन जमीनी हकीकत में क्षेत्रीय दलों की महत्वाकांक्षा और दबदबे की चाहत टकराव का कारण बन सकती है। विशेष रूप से चिराग पासवान और कुछ अन्य दलों के बयानों ने पहले ही संकेत दे दिए हैं कि भविष्य में माहौल और गर्म हो सकता है।
गठबंधन की एकजुटता बनाए रखना बीजेपी के लिए चुनौतीपूर्ण होगा, क्योंकि हर दल अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करना चाहता है।