देशभर में डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के तहत सरकार ने हर ग्रिड लोकेशन को 10 अंकों का अल्फान्यूमेरिक कोड प्रदान किया है। इस कोड को "डिजिपिन" नाम दिया गया है। डिजिपिन की मदद से किसी भी स्थान की सटीक पहचान संभव हो सकेगी।
यह कोडिंग सिस्टम विशेष रूप से पता पहचान, डिलीवरी सिस्टम, आपात सेवाएं और भू-स्थानिक योजनाओं के लिए बेहद कारगर साबित होगा। डिजिपिन को देशभर में पते के डिजिटलीकरण के उद्देश्य से लाया गया है ताकि भ्रम, दोहराव और गलत लोकेशन की समस्या दूर की जा सके।
विशेषज्ञों के अनुसार, डिजिपिन का उपयोग:
ई-कॉमर्स डिलीवरी को सटीक और तेज बनाने में
आपातकालीन सेवाओं की पहुंच बेहतर करने में
सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों की पहचान को आसान बनाने में
महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
सरकार इसे चरणबद्ध तरीके से पूरे देश में लागू कर रही है।