पटना।
बिहार पुलिस विभाग में बीते महीने हुए 19 हजार से अधिक सिपाहियों के तबादलों को लेकर पटना हाई कोर्ट ने शुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने तबादले पर लगी रोक को हटा दिया है, जिससे पुलिस मुख्यालय अब इन तबादलों को प्रभावी रूप से लागू कर सकता है। हालांकि, जिन सिपाहियों ने कोर्ट में याचिका दायर की थी, उनके तबादलों पर रोक अभी भी बरकरार है।
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🔍 क्या है पूरा मामला?
बीते महीने बिहार पुलिस मुख्यालय ने बड़े पैमाने पर सिपाहियों के तबादले किए थे।
कुछ सिपाहियों ने तबादलों को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
उनका आरोप था कि तबादले में भेदभाव और मनमानी की गई है।
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⚖️ कोर्ट का फैसला क्या कहता है?
पटना हाई कोर्ट ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि ट्रांसफर में कोई व्यापक अनियमितता नहीं पाई गई है।
इसलिए सभी तबादलों पर लगी रोक हटा दी गई है।
हालांकि याचिकाकर्ताओं के तबादलों पर अंतरिम रोक अब भी जारी रहेगी, जब तक कि केस की अंतिम सुनवाई नहीं हो जाती।
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🛡️ पुलिस विभाग की प्रतिक्रिया:
पुलिस मुख्यालय ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है और जल्द ही ट्रांसफर आदेशों को अमल में लाने की प्रक्रिया शुरू करने की बात कही है।
विभाग का कहना है कि कार्यक्षमता और प्रशासनिक कारणों से ट्रांसफर जरूरी था।
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📌 इस फैसले का असर:
करीब 19,000 सिपाहियों को अब नए स्थानों पर ज्वाइन करने का निर्देश दिया जा सकता है।
यह फैसला राज्य पुलिस की कार्यक्षमता और प्रशासनिक संतुलन को बहाल करने की दिशा में अहम माना जा रहा है।