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नौतन विधानसभा क्षेत्र के संभावित उम्मीदवार: 2025 के चुनाव में कौन-कौन हैं रेस में?


✍️ संपादक: रोहित कुमार सोनू
बिहार की राजनीति में हमेशा से चंपारण क्षेत्र का विशेष महत्व रहा है। इसी क्रम में नौतन विधानसभा क्षेत्र एक बार फिर से चर्चा में है, जहां 2025 के संभावित विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता व संभावित उम्मीदवार जनता के बीच सक्रिय नजर आ रहे हैं। आइए जानते हैं नौतन से कौन-कौन नेता मैदान में उतर सकते हैं:


1. भीष्म साहनी (जदयू)

वर्तमान विधायक भीष्म साहनी नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) से हैं। उन्होंने पिछले चुनाव में अच्छे अंतर से जीत हासिल की थी। पार्टी में उनकी पकड़ मजबूत है और क्षेत्र में विकास कार्यों का दावा करते हुए वे एक बार फिर टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं।

2. राहुल पांडेय (भाजपा)

भारतीय जनता पार्टी से जुड़े युवा नेता राहुल पांडेय पिछले कुछ वर्षों से क्षेत्र में सक्रिय हैं। उनकी छवि एक जुझारू और सोशल मीडिया फ्रेंडली नेता की है। भाजपा अगर सीट शेयरिंग के तहत यह सीट अपने पास रखती है, तो राहुल पांडेय को मौका मिल सकता है।

3. इरशाद आलम (राजद)

राष्ट्रीय जनता दल से इरशाद आलम का नाम सामने आ रहा है। वे अल्पसंख्यक समुदाय के प्रभावशाली नेता माने जाते हैं। युवाओं में इनकी पकड़ मजबूत है और तेजस्वी यादव की टीम में इनकी उपस्थिति भी अहम मानी जाती है।

4. प्रेम कुमार गुप्ता (कांग्रेस)

कांग्रेस पार्टी से प्रेम कुमार गुप्ता संभावित उम्मीदवार हो सकते हैं। हालांकि कांग्रेस की स्थिति कमजोर रही है, लेकिन स्थानीय स्तर पर गुप्ता जी का सामाजिक कार्यों में योगदान उन्हें चर्चा में बनाए रखता है।

5. अजय चौधरी (लोक जनशक्ति पार्टी - पासवान गुट)

एलजेपी (पासवान) से अजय चौधरी ने इस बार कमर कस ली है। वे गांव-गांव में जनसंपर्क कर रहे हैं और युवाओं को पार्टी से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। यदि दलित वोट बैंक को साधने में सफल रहे, तो मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है।


स्वतंत्र उम्मीदवारों की भी तैयारी

इसके अलावा कुछ स्वतंत्र उम्मीदवार भी सोशल मीडिया और ज़मीनी स्तर पर सक्रिय हैं। इनकी रणनीति जातीय समीकरण और व्यक्तिगत नेटवर्क पर आधारित होती है। यदि किसी बड़े दल के कार्यकर्ता को टिकट नहीं मिलता, तो वह बगावत कर स्वतंत्र रूप से मैदान में उतर सकता है।


वोटर की भूमिका होगी निर्णायक

इस बार के चुनाव में नौजवान, महिला और पहली बार वोट डालने वाले मतदाता बड़ी संख्या में होंगे, जो किसी भी समीकरण को पलट सकते हैं। क्षेत्रीय मुद्दे जैसे—बेरोज़गारी, सड़क-बिजली-पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य—भी बड़ा प्रभाव डालेंगे।

आने वाले समय में जैसे-जैसे चुनाव करीब आएगा, तस्वीर और साफ होगी कि किसके पाले में जनता का समर्थन जाता है। फिलहाल सभी संभावित उम्मीदवार अपनी ताकत दिखाने में जुटे हुए हैं।

राजनीतिक समीकरण क्या रंग लाएंगे, यह देखना दिलचस्प होगा।

स्थानीय राजनीति की हर अपडेट के लिए पढ़ते रहिए — मिथिला हिन्दी न्यूज
✍️ संपादक: रोहित कुमार सोनू


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