नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (NBPDCL) के प्रबंध निदेशक और ब्रेडा (BREDA) के निदेशक राहुल कुमार ने राज्य की ऊर्जा जरूरतों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि वर्ष 2034-35 तक बिहार में कुल बिजली की मांग 18,000 मेगावाट तक पहुंच जाएगी।
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🔹 अक्षय ऊर्जा को बनाया जाएगा आधार
राहुल कुमार ने कहा कि इस बढ़ती हुई मांग को पारंपरिक स्रोतों से पूरा करना संभव नहीं होगा, इसलिए राज्य सरकार की योजना अक्षय ऊर्जा आधारित बिजली उत्पादन को तेजी से बढ़ाने की है।
> “हमारा फोकस सोलर, बायोमास, पवन और छोटे जल विद्युत स्रोतों के माध्यम से उत्पादन बढ़ाने पर है,” – राहुल कुमार
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🔸 वर्तमान बिजली आपूर्ति और लक्ष्य
फिलहाल राज्य में औसतन 7,000-8,000 मेगावाट बिजली की मांग है।
2034-35 तक यह मांग दोगुनी से भी अधिक हो जाएगी।
ब्रेडा की योजना है कि आने वाले वर्षों में कम से कम 8,000 मेगावाट बिजली केवल अक्षय ऊर्जा से उत्पादित की जा सके।
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🔹 ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर कदम
राहुल कुमार ने बताया कि बिहार सरकार की योजना है कि भविष्य में राज्य को बिजली के लिए बाहरी राज्यों पर निर्भर ना रहना पड़े।
इसके लिए:
सोलर पार्कों का विकास
रूफटॉप सोलर सिस्टम को बढ़ावा
गांवों में सोलर माइक्रो ग्रिड
जैसे कई कार्यक्रमों पर तेजी से काम हो रहा है।