पटना/भागलपुर – बिहार में शिक्षा विभाग द्वारा चलाए जा रहे शिक्षक तबादला अभियान के बीच एक चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है। राज्यभर में कुल 6390 शिक्षकों ने अपने तबादला आवेदन स्वेच्छा से वापस ले लिए हैं। इनमें सबसे अधिक मामले भागलपुर जिले से सामने आए हैं, जहां 218 शिक्षकों ने अपना आवेदन वापस लिया है।
🔹 भागलपुर में रिकॉर्ड संख्या में वापसी
भागलपुर में कई ऐसे शिक्षक थे जिन्हें अब तक नया स्कूल आवंटित नहीं हुआ था, फिर भी उन्होंने आवेदन वापस लिया। इससे संकेत मिलता है कि या तो शिक्षक अपने वर्तमान स्कूल में संतुष्ट हैं या फिर नए स्थान को लेकर असमंजस में हैं।
🔹 राज्य स्तर पर स्थिति
शिक्षा विभाग के अनुसार, राज्य के अन्य जिलों में भी तबादला आवेदन वापस लेने की प्रवृत्ति देखी गई है, लेकिन भागलपुर में यह आंकड़ा सबसे अधिक रहा है। अधिकारियों का मानना है कि यह रुझान शिक्षक वर्ग की स्थायित्व और पारिवारिक कारणों से जुड़ी प्राथमिकताओं को दर्शाता है।
🔹 क्या कह रहा है शिक्षा विभाग?
विभागीय सूत्रों ने बताया कि
> “जो शिक्षक तबादला नहीं चाहते, उन्हें जबरन भेजना नीति के विरुद्ध है। इसलिए आवेदन वापसी की प्रक्रिया को पारदर्शिता के साथ अनुमति दी गई है।”
🔹 संभावित कारण
बच्चों की पढ़ाई या परिवारिक वजह
दूरस्थ क्षेत्रों में स्थानांतरण की आशंका
वर्तमान विद्यालय में सुविधा या सहयोगी वातावरण
पदस्थापन आदेश में देरी से उत्पन्न भ्रम
📌 निष्कर्ष:
यह पूरा घटनाक्रम दर्शाता है कि बिहार में शिक्षकों की तबादला नीति को लेकर अभी भी संशोधन और संवाद की जरूरत है। साथ ही, यह भी ज़रूरी है कि शिक्षकों की राय को सम्मान देते हुए नवीन तकनीकी और पारदर्शी प्रणाली से तबादले की प्रक्रिया पूरी की जाए।