पटना/मुजफ्फरपुर। बिहार सरकार ने भूमि निबंधन को लेकर एक अहम निर्णय लिया है जिससे आम जनता को बड़ी राहत मिल सकती है। मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के सचिव अजय यादव ने सभी जिलों को पत्र जारी कर निर्देश दिया है कि अब जिलाधिकारी (डीएम) को यह अधिकार होगा कि वे रोक सूची में दर्ज खेसरा (खातियान के प्लॉट नंबर) को हटाएं या उसमें नया खेसरा जोड़ें।
क्या है रोक सूची?
रोक सूची में वे जमीनें आती हैं जिनपर किसी कारणवश खरीद-बिक्री पर प्रतिबंध होता है। ये प्रतिबंध सरकारी आदेश, विवाद, सरकारी परियोजनाओं या न्यायिक मामलों के कारण लगते हैं। मुजफ्फरपुर जैसे जिलों में ये सूची बहुत बड़ी है और इससे लोगों को निबंधन कार्यालयों में भारी परेशानी होती थी।
मुजफ्फरपुर में एक लाख से अधिक खेसरा
सूत्रों के अनुसार, मुजफ्फरपुर जिले की रोक सूची में करीब एक लाख खेसरा दर्ज हैं। इतनी बड़ी संख्या में रोक लगे होने के कारण कई बार वैध भूमि की भी रजिस्ट्री नहीं हो पा रही थी।
क्या होगा असर?
अब जिलाधिकारी स्थानीय परिस्थितियों को देखते हुए खेसरा हटाने या जोड़ने का फैसला कर सकेंगे।
इससे भूमि रजिस्ट्री की प्रक्रिया सरल होगी।
भूमि विवादों के जल्द निपटारे में भी मदद मिलेगी।
ज़मीनी लेन-देन में पारदर्शिता और प्रशासनिक जवाबदेही बढ़ेगी।
यह फैसला विशेष रूप से उन लोगों के लिए राहत लाएगा जो वर्षों से वैध दस्तावेज होने के बावजूद भूमि रजिस्ट्री नहीं करवा पा रहे थे।