बिहार के आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों की वृद्धि मापने (Growth Measurement) में गड़बड़ी की शिकायतें लगातार सामने आ रही हैं। बच्चों की लंबाई और वजन गलत दर्ज किए जाने को लेकर आईसीडीएस निदेशालय को नियमित रूप से शिकायतें मिल रही हैं।
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🔸 एक लाख से ज्यादा केंद्रों पर जांच की तैयारी
राज्य भर में 1,15,600 से अधिक आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। अब निदेशालय ने इन केंद्रों की सघन जांच कराने का फैसला लिया है।
बच्चों की लंबाई, वजन और स्वास्थ्य की सही रिपोर्टिंग पर विशेष फोकस रहेगा।
गलत रिपोर्टिंग पाए जाने पर सेविका और सहायिका, दोनों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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🔹 क्यों हो रही है यह कार्रवाई?
पोषण ट्रैकिंग और सरकार की योजनाओं की सफलता सटीक डेटा पर निर्भर करती है।
कुपोषण की वास्तविक स्थिति जानने में गलत आंकड़े बाधा बन रहे हैं।
सरकारी पोषण योजनाएं इस गलत डाटा से प्रभावित होती हैं, जिससे बच्चों को नुकसान होता है।
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🔸 कौन कराएगा जांच?
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ) के नेतृत्व में टीम गठित की जा रही है।
स्वास्थ्य विभाग के मल्टी सेक्टोरल निगरानी दल भी इस जांच में शामिल होंगे।
जांच के दौरान बच्चों के वास्तविक माप और दर्ज रिकॉर्ड का तुलनात्मक अध्ययन किया जाएगा।
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🟡 निदेशालय की चेतावनी
आईसीडीएस निदेशालय ने कहा है कि:
> “बच्चों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगर कोई सेविका या सहायिका आंकड़े में गड़बड़ी करती है तो उनके खिलाफ सस्पेंशन तक की कार्रवाई हो सकती है।”