पटना।
बिहार की राजनीति में बेटा-दामाद विवाद अब एक बड़ा सियासी मुद्दा बनता जा रहा है। इसी क्रम में हम (हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक तीखा बयान देकर बहस को और हवा दे दी है।
उन्होंने लिखा:
> “बेटे और दामाद दो तरह के होतें हैं… एक लायक, दूसरा नालायक। लायक़ बेटा अपने दम पर UNICEF में नौकरी करते हुए पढ़ाई करता है, UGC (NET) पास करके पीएचडी करता है, फिर BPSC द्वारा आयोजित परीक्षा पास करके विश्वविद्यालय में शिक्षक बन जाता है।”
राजनीतिक हलकों में मांझी के इस बयान को तेजस्वी यादव द्वारा एनडीए नेताओं के दामादों की नियुक्तियों पर सवाल उठाने का जवाब माना जा रहा है। तेजस्वी ने कुछ दिन पहले नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि “बिहार में अब एक ‘जमाई आयोग’ बनाना चाहिए।”
हालांकि मांझी ने सीधे किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनके बेटे संतोष सुमन की योग्यता का जिक्र कर यह साफ संकेत दिया कि वह अपने बेटे को खुद के बल पर आगे बढ़ा मानते हैं, न कि सिफारिश से।