पटना – बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन में अंदरूनी खींचतान तेज होती जा रही है। तेजस्वी यादव के सीएम फेस घोषित होने के बाद अब प्रत्याशी चयन को लेकर भी गठबंधन दलों के बीच तनाव खुलकर सामने आने लगा है।
इस बीच पप्पू यादव ने बड़ा बयान देते हुए कहा है,
> “हेडमास्टर मत बनिए। कांग्रेस में कौन-कौन चुनाव लड़ेंगे, यह तय करने का अधिकार पार्टी के प्रभारी और वरिष्ठ नेताओं का है।”
उनका इशारा सीधे-सीधे उन नेताओं की ओर था जो कांग्रेस की सीटों और उम्मीदवारों पर सार्वजनिक टिप्पणी कर रहे हैं। पप्पू यादव का यह बयान ऐसे समय आया है जब महागठबंधन के अंदर सीट बंटवारे को लेकर कई दलों में असहमति देखी जा रही है।
🔹 तेजस्वी यादव के सीएम फेस बनने के बाद बढ़ी खींचतान
राजद ने तेजस्वी को सीएम उम्मीदवार घोषित कर दिया है, लेकिन बाकी सहयोगी दलों को इस फैसले में न पूरी तरह से विश्वास में लिया गया और न ही सीटों को लेकर कोई स्पष्ट संकेत दिया गया है। कांग्रेस और वामदलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर भी तनाव की स्थिति बनी हुई है।
🔹 विधानसभा चुनाव से पहले रणनीतिक उलझन
महागठबंधन की अब तक की चार बैठकों में भी सीट शेयरिंग पर अंतिम सहमति नहीं बन पाई है। पप्पू यादव जैसे नेताओं की नाराजगी और कांग्रेस के भीतर मंथन ने गठबंधन की एकता को चुनौती दे दी है।
🔹 कांग्रेस के लिए पप्पू यादव का बयान संकेत?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पप्पू यादव का यह बयान केवल अंदरूनी मतभेद का इशारा नहीं बल्कि कांग्रेस की स्वतंत्रता पर जोर देने की रणनीति भी हो सकता है।