पटना। चुनाव प्रक्रिया की गोपनीयता भंग करने के आरोप में डॉ. राजभूषण चौधरी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। मामला वर्ष 2019 लोकसभा चुनाव से जुड़ा है, जब उन्होंने कथित तौर पर मतदान के दिन सोशल मीडिया पर ईवीएम और वीवीपैट की तस्वीर साझा की थी।
क्या है आरोप?
एफआईआर में यह आरोप है कि डॉ. राजभूषण ने 6 मई 2019 को अपने सोशल मीडिया अकाउंट से बैलेट यूनिट और वीवीपैट मशीन की तस्वीर पोस्ट की, जिसमें वह ईवीएम का बटन दबाते हुए नजर आ रहे थे। यह चुनाव आयोग के नियमों का सीधा उल्लंघन माना जाता है क्योंकि मतदान की प्रक्रिया पूरी तरह गोपनीय होनी चाहिए।
नियमों के तहत सख्त कार्रवाई संभव
चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार, कोई भी मतदाता ईवीएम या वीवीपैट से जुड़ी कोई भी जानकारी सार्वजनिक रूप से साझा नहीं कर सकता, खासकर मतदान करते वक्त की तस्वीर। ऐसा करना गोपनीयता के उल्लंघन के साथ-साथ आचार संहिता के भी खिलाफ है। अगर आरोप साबित होता है, तो कानूनी कार्रवाई के तहत जुर्माना या कारावास दोनों का प्रावधान है।
अब क्या होगा?
पुलिस ने एफआईआर के आधार पर तथ्यों की जांच शुरू कर दी है। डॉ. राजभूषण चौधरी से जल्द पूछताछ की जा सकती है और सोशल मीडिया पोस्ट की फॉरेंसिक जांच भी कराई जाएगी।