दरभंगा ज़िले के नवोदय विद्यालय से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। विद्यालय के हॉस्टल में कक्षा 8 के छात्र जतिन गौतम (13 वर्ष) का शव पंखे से लटका मिला। इस संदिग्ध मौत ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है और विद्यालय प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्या हुआ था?
जानकारी के मुताबिक, जतिन गौतम का शव सोमवार देर शाम हॉस्टल के कमरे में फंदे से लटका पाया गया। विद्यालय प्रशासन ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।
लेकिन घटना के बाद जतिन के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। उन्होंने विद्यालय प्रिंसिपल, वार्डन और कुछ क्लासमेट्स पर रैगिंग और मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया है। परिजनों का दावा है कि जतिन लंबे समय से स्कूल में हो रही प्रताड़ना से परेशान था और इसकी शिकायत उसने घर पर भी की थी।
क्या कहती है पुलिस?
पुलिस ने इस मामले में संदेहास्पद मौत की धारा के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। मौके से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है, लेकिन पुलिस हर एंगल से जांच कर रही है। फॉरेंसिक टीम भी घटनास्थल पर पहुंची और सबूत इकट्ठा किए।
रैगिंग पर फिर सवाल
इस घटना ने एक बार फिर शैक्षणिक संस्थानों में रैगिंग और मानसिक उत्पीड़न की गंभीरता को उजागर कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद, स्कूल और कॉलेजों में रैगिंग की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं।
शिक्षा विभाग की चुप्पी
घटना के 24 घंटे बाद भी शिक्षा विभाग की ओर से कोई ठोस बयान सामने नहीं आया है। स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने विद्यालय प्रशासन की भूमिका की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
क्या जतिन को न्याय मिलेगा?
परिजन जतिन के लिए न्याय की गुहार लगा रहे हैं। उनका साफ कहना है कि जब तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती, वे अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।
यह घटना न केवल एक मासूम छात्र की मौत है, बल्कि हमारे शिक्षा तंत्र की विफलता की ओर भी संकेत करती है। सवाल यह है कि क्या अब भी स्कूल प्रशासन, शिक्षा विभाग और सरकार जागेगी?
इस दुखद घटना की विस्तृत जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग करती है
✍️ मिथिला हिन्दी न्यूज