बिहार में बिजली मुफ्त योजना के बाद विधानसभा चुनाव 2025 पर संभावित असर


✍️ संपादक: रोहित कुमार सोनू | मिथिला हिन्दी न्यूज
बिहार की राजनीति में चुनावी साल हमेशा ही घोषणा और लोकलुभावन योजनाओं से भरा होता है। इस बार भी कुछ अलग नहीं हुआ है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1 अगस्त 2025 से लागू होने वाली 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली योजना की घोषणा करके सीधा मतदाता वर्ग, खासकर गरीब और मध्यम वर्ग के घरेलू उपभोक्ताओं को साधने की कोशिश की है।

अब सवाल यह उठता है कि इस योजना का आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 पर क्या असर होगा? आइए जानते हैं विस्तार से:


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🔍 1. गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों पर सीधा असर

बिहार में बड़ी संख्या में ऐसे परिवार हैं जिनकी मासिक बिजली खपत 125 यूनिट से कम होती है। ऐसे में उन्हें बिजली बिल से पूरी तरह राहत मिल जाएगी।
यह सीधे-सीधे एक बहुत बड़ा वोट बैंक तैयार करने जैसा कदम है। खासकर ग्रामीण क्षेत्र जहां बिजली बिल एक चिंता का विषय होता है, वहां इस योजना से सकारात्मक भावनाएं पैदा हो सकती हैं।


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🎯 2. केजरीवाल मॉडल की नकल या 'नीतीश ब्रांड'?

इस तरह की योजना दिल्ली में पहले ही अरविंद केजरीवाल सरकार के द्वारा लागू की जा चुकी है। अब नीतीश कुमार ने भी उसी तर्ज पर ‘फ्री बिजली’ का कार्ड खेला है, जिससे उन्हें शहरी मतदाताओं के साथ-साथ युवा वर्ग और महिलाएं भी समर्थन दे सकते हैं।


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📉 3. विपक्ष के लिए चुनौती

मुख्य विपक्षी दल जैसे राजद और कांग्रेस इस मुद्दे पर स्पष्ट प्रतिक्रिया देने से बचते दिख रहे हैं। तेजस्वी यादव पहले ही ‘बेरोजगारी भत्ता’, शिक्षकों की नियुक्ति और सरकारी नौकरियों को मुद्दा बना रहे हैं, लेकिन बिजली जैसी बुनियादी सुविधा पर नीतीश सरकार की यह घोषणा विपक्ष की रणनीति को कमजोर कर सकती है।

🏪 4. दुकानदार और छोटे व्यापारी नाराज़

हालांकि यह योजना घरेलू उपभोक्ताओं के लिए है, दुकानदार और छोटे व्यापारी इससे बाहर हैं। यदि यह वर्ग एकजुट होता है और इसे चुनावी मुद्दा बनाता है, तो इसका सीमित नुकसान भी सरकार को झेलना पड़ सकता है।


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🗳️ 5. चुनावी गणित पर असर

बिहार की राजनीति में जातिगत समीकरण हमेशा हावी रहते हैं, लेकिन ऐसी आर्थिक योजनाएं 'क्लास बेस्ड वोटिंग' यानी आर्थिक वर्ग के आधार पर मतदान को प्रभावित कर सकती हैं।
युवाओं, महिलाओं और गरीबों को प्रभावित करने में यह योजना सफल रही तो यह जनता दल (यूनाइटेड) और भाजपा गठबंधन के लिए फायदे का सौदा बन सकती है।

बिजली मुफ्त योजना बिहार चुनाव में नीतीश सरकार की मास्टरस्ट्रोक चाल बन सकती है। इससे एक बड़ा वर्ग सरकार की ओर झुक सकता है, लेकिन विपक्ष यदि स्मार्ट तरीके से इसे "चुनावी स्टंट" बताकर जवाब देता है और बेरोजगारी या महंगाई जैसे मुद्दे को ज़ोर से उठाता है, तो मुकाबला दिलचस्प रहेगा।


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✍️ संपादक: रोहित कुमार सोनू


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