बिहार में 3 करोड़ वोटर लिस्ट से नाम हटाने का आरोप: कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम का बड़ा दावा


संवाद 

बिहार में वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर सियासत लगातार गर्म होती जा रही है। इस बीच कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने एक बड़ा और गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया है कि निर्वाचन आयोग सिर्फ 35 लाख नहीं, बल्कि 3 करोड़ से ज्यादा मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटाने की तैयारी में है।


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🔹 राजेश राम ने क्या कहा?

उन्होंने कहा, "निर्वाचन आयोग द्वारा प्रस्तुत आंकड़े भ्रामक और वास्तविकता से दूर हैं।"

3 करोड़ से ज्यादा मतदाताओं को सूची से हटाने की तैयारी है, जबकि सार्वजनिक तौर पर सिर्फ 35 लाख नाम हटाने की बात कही जा रही है।

उन्होंने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया और कहा कि यह सुनियोजित तरीके से महागठबंधन के समर्थकों को वोट देने से रोकने की साजिश है।



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🔸 विपक्ष का आरोप

कांग्रेस, राजद, वाम दल समेत महागठबंधन के नेता लगातार कह रहे हैं कि दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यक, गरीब तबके के नाम निशाना बनाए जा रहे हैं।

तेजस्वी यादव ने भी कहा था कि यदि एक फीसदी नाम भी कटे, तो हर विधानसभा सीट पर हजारों वोट का असर होगा।



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🔸 निर्वाचन आयोग की सफाई

आयोग का कहना है कि यह नियमित प्रक्रिया है और सभी मतदाताओं को फॉर्म भरने का अवसर दिया जा रहा है।

आयोग ने यह भी कहा कि जो नाम कटेंगे, वो डुप्लीकेट या मृत मतदाता होंगे।



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🗳️ राजनीतिक प्रभाव

बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले इस तरह के आरोपों से साफ है कि वोटर लिस्ट ही चुनावी राजनीति का सबसे बड़ा मुद्दा बनती जा रही है। महागठबंधन इसे लेकर बिहार बंद और विरोध मार्च भी कर चुका है।





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