सीएजी रिपोर्ट में बड़ा खुलासा: बिहार सरकार ने 70 हजार करोड़ से ज्यादा खर्च का नहीं दिया हिसाब


संवाद 

बिहार विधानसभा में गुरुवार को पेश की गई कैग (CAG) रिपोर्ट ने नीतीश कुमार सरकार के वित्तीय प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य सरकार ने ₹70,877 करोड़ की योजनाओं का उपयोगिता प्रमाणपत्र (यूसी) अब तक नहीं सौंपा है।


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🔍 क्या है उपयोगिता प्रमाणपत्र?

उपयोगिता प्रमाणपत्र (UC) एक वित्तीय दस्तावेज होता है जो यह प्रमाणित करता है कि किसी योजना या प्रोजेक्ट के लिए जारी की गई राशि का उपयोग सही उद्देश्य के लिए हुआ है। इसे संबंधित विभागों को तय समयसीमा में जमा करना होता है।


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📊 कैग के अहम निष्कर्ष:

बिहार सरकार ने कुल ₹70,877 करोड़ की योजनाओं के लिए केंद्र और राज्य से मिले पैसे का उपयोग दिखाने वाला प्रमाणपत्र नहीं दिया।

कैग ने इसे गंभीर वित्तीय अनियमितता बताया है और कहा कि इससे पारदर्शिता और जवाबदेही पर सवाल उठते हैं।

कई योजनाओं के फंड्स लंबे समय तक खर्च ही नहीं हुए, जिससे राज्य के विकास कार्यों पर असर पड़ा है।



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🗣️ विपक्ष का हमला

सीएजी रिपोर्ट सामने आते ही विपक्षी दलों ने नीतीश सरकार पर हमला तेज कर दिया है। राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा:

> "जब सरकार 70 हजार करोड़ रुपये का हिसाब नहीं दे पा रही है, तो इससे बड़ा घोटाला और क्या हो सकता है?"




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⚖️ सरकार की सफाई का इंतजार

सरकारी पक्ष की ओर से अब तक कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है, लेकिन माना जा रहा है कि वित्त विभाग जल्द रिपोर्ट पर आंतरिक समीक्षा कर जवाब देगा।


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यह रिपोर्ट बिहार की राजनीति में चुनाव पूर्व बड़ा मुद्दा बन सकती है, क्योंकि यह न सिर्फ वित्तीय अनियमितता का संकेत देती है, बल्कि नीतीश सरकार की पारदर्शिता और प्रशासनिक जवाबदेही पर भी सवाल खड़े करती है।




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