बिहार: सावन महीने में भोलेनाथ के दर्शन और जलाभिषेक के लिए निकली कांवर यात्रा इस बार श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ी चुनौती बनती जा रही है। ताजा हालात यह हैं कि धौरी से कुमरसार के बीच का प्रमुख कांवरिया पथ बद्दुआ नदी में आई बाढ़ के कारण पूरी तरह जलमग्न हो गया है। इससे हजारों कांवरियों की यात्रा प्रभावित हो गई है।
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🔹 क्या है स्थिति?
बाढ़ के पानी ने मुख्य मार्ग को डुबो दिया है।
श्रद्धालु कंधे पर कांवर लेकर घंटों तक फंसे हुए हैं।
आसपास कोई वैकल्पिक रास्ता भी नहीं दिख रहा है।
कई कांवरियों को पैदल जलभराव वाले रास्तों से गुजरने को मजबूर होना पड़ रहा है।
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🔹 प्रशासन क्या कर रहा?
स्थानीय प्रशासन ने कहा है कि:
> “स्थिति की निगरानी की जा रही है। जलस्तर में कमी आने तक श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों पर रोका गया है। नाव और ट्रैक्टर के जरिए रास्ता पार कराने की भी व्यवस्था की जा रही है।”
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🔹 श्रद्धालुओं में नाराजगी
कांवरियों ने प्रशासन की लापरवाही पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि:
> “हर साल यह रास्ता बाढ़ की चपेट में आता है, लेकिन प्रशासन कोई स्थायी उपाय नहीं करता। न पीने का पानी है, न ठहरने की व्यवस्था।“
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🔹 सावन में कठिन तपस्या
भोलेनाथ के भक्त कांवर यात्रा को श्रद्धा और तपस्या का रूप मानते हैं, लेकिन बद्दुआ नदी की बाढ़ ने इस बार भक्तों की आस्था की परीक्षा ले ली है।