औद्योगिक विकास को गति देने के उद्देश्य से नीतीश सरकार ने एक बड़ा और सराहनीय फैसला लिया है। नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा जारी बिहार बिल्डिंग बाइलाज, 2025 के तहत बियाडा (BIADA) के स्वीकृत लेआउट योजना में आने वाले गैर-प्रदूषणकारी औद्योगिक भूखंडों के लिए न्यूनतम सेटबैक (सेटबैक दूरी) की नई व्यवस्था लागू कर दी गई है।
क्या है सेटबैक व्यवस्था?
सेटबैक का अर्थ है किसी भूखंड के चारों ओर निर्माण से पहले खाली छोड़ी जाने वाली न्यूनतम दूरी। यह सुरक्षा, प्रकाश, हवा और आसपास के ढांचे की सुरक्षा के लिए अनिवार्य होता है।
पहले औद्योगिक भूखंडों पर सामान्य भवन नियम लागू होते थे, जिससे कई निवेशकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। अब गैर-प्रदूषणकारी उद्योगों को लेकर सरकार ने इस प्रक्रिया को सरल और लचीला बना दिया है।
कौन होंगे लाभार्थी?
इस नई व्यवस्था का लाभ बियाडा क्षेत्र में स्थापित या प्रस्तावित ऐसे उद्यमों को मिलेगा जो प्रदूषण नहीं फैलाते — जैसे टेक्सटाइल असेंबली, पैकेजिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, फूड प्रोसेसिंग इत्यादि। इससे छोटे और मझोले उद्योगों को भी भूमि उपयोग की अधिक सुविधा मिलेगी।
निवेश को मिलेगा बढ़ावा
बिहार सरकार की इस पहल से उद्योगों की स्थापना की लागत कम होगी, परियोजनाओं को जल्दी स्वीकृति मिलेगी और राज्य में निवेश का माहौल बेहतर होगा। यह कदम ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की दिशा में भी एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।
उद्योग मंत्रालय और बियाडा की सक्रिय भूमिका
इस निर्णय में बियाडा (बिहार इंडस्ट्रियल एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी) और उद्योग विभाग की सक्रिय भागीदारी रही है। अधिकारियों के अनुसार यह बदलाव राज्य के औद्योगिक नक्शे को पुनर्परिभाषित करेगा।
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📌 यह परिवर्तन न केवल नियमन को आधुनिक बनाएगा, बल्कि बिहार को एक उभरते हुए औद्योगिक राज्य की श्रेणी में भी लाने की ओर एक मजबूत कदम है।
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✍️ मिथिला हिन्दी न्यूज