✍️ संपादक: रोहित कुमार सोनू | मिथिला हिन्दी न्यूज
बिहार में मानसून की दस्तक के बाद कई जिलों में हल्की बारिश हो चुकी है। राजधानी पटना समेत मधुबनी, दरभंगा, सीतामढ़ी, समस्तीपुर, शिवहर, गोपालगंज और मुजफ्फरपुर में बारिश की बूंदें तो पड़ीं, लेकिन आम जनता को भीषण गर्मी और उमस से कोई खास राहत नहीं मिली। सवाल उठता है – जब बारिश हो रही है, तो ठंडक क्यों नहीं मिल रही?
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☁️ बारिश के बावजूद गर्मी क्यों?
1. अत्यधिक नमी (Humidity) बढ़ा रही परेशानी
बारिश के बाद वातावरण में आर्द्रता (Humidity) 85% से ऊपर पहुंच गई है। जब हवा में नमी ज्यादा होती है, तो शरीर से पसीना सूख नहीं पाता। इससे शरीर गर्म बना रहता है और उमस बढ़ती है। यही कारण है कि बारिश के बावजूद पसीना और बेचैनी बनी रहती है।
2. तेज हवाओं की कमी
हल्की बारिश के साथ अगर तेज ठंडी हवाएं चलें तो तापमान में गिरावट आती है। लेकिन इस बार अधिकांश जगहों पर हवाएं न के बराबर रहीं। नतीजा – न तो मौसम साफ हुआ, न ही हवा ठंडी हुई।
3. रात का तापमान भी ऊंचा
दिन के साथ-साथ रात का तापमान भी सामान्य से ऊपर बना हुआ है। रात को न्यूनतम तापमान 26–28 डिग्री सेल्सियस तक बना हुआ है, जिससे शरीर को आराम नहीं मिल रहा।
4. वास्तविक बारिश की कमी
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार बिहार में अब तक सामान्य से 40% तक कम बारिश हुई है। यानी जो बारिश हो रही है, वह पर्याप्त नहीं है – खेतों को नमी नहीं मिल पा रही और वातावरण गर्म बना हुआ है।
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📉 क्या कहता है मौसम विभाग?
मौसम विभाग के अनुसार आगामी एक हफ्ते तक बिहार के अधिकांश जिलों में बादल छाए रहेंगे और बिखरी हुई बारिश होगी। हालांकि भारी बारिश के आसार अभी नहीं हैं। इसका मतलब है – राहत की उम्मीद अभी अधूरी है।
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🌾 किसान और आम लोग सबसे ज़्यादा प्रभावित
बारिश की यह अनिश्चितता किसानों के लिए चिंता का विषय है। धान की रोपाई अधूरी है, नहरों में पानी नहीं और जो बोआई हो चुकी है, वह भी मुरझाने लगी है। वहीं, आम लोगों के लिए उमसभरी गर्मी ने दिनचर्या को कठिन बना दिया है।
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🧊 राहत के लिए क्या करें?
छत या घर में वेंटिलेशन रखें
हल्का और सूती कपड़ा पहनें
अधिक मात्रा में पानी और नींबू-पानी पिएं
गर्मी के समय दोपहर में बाहर निकलने से बचें
रात में ठंडी हवा के लिए खिड़कियाँ खुली रखें
बिहार में हल्की बारिश तो हो रही है, लेकिन असल राहत अब भी दूर है। जब तक पूरे प्रदेश में व्यापक और लगातार बारिश नहीं होती, तब तक गर्मी और उमस से छुटकारा मुश्किल है। सरकार और मौसम विभाग को चाहिए कि किसानों को सटीक पूर्वानुमान और विकल्प उपलब्ध कराएं, ताकि बारिश की असफलता से होने वाले नुकसान को कम किया जा सके।
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✍️ रिपोर्ट: रोहित कुमार सोनू