जगदीप धनखड़ का इस्तीफा: क्या नीतीश कुमार बन सकते हैं भारत के अगले उपराष्ट्रपति?


✍️ संपादक: रोहित कुमार सोनू | मिथिला हिन्दी न्यूज

भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बताया जा रहा है कि उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से यह फैसला लिया। इस खबर ने भारतीय राजनीति में हलचल मचा दी है। अब सबसे बड़ा सवाल उठ रहा है – भारत का अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा? क्या बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस पद के संभावित उम्मीदवार हो सकते हैं?

🔹 उपराष्ट्रपति पद खाली – आगे क्या?

जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद अब भारत के संविधान के अनुच्छेद 67(b) के तहत राष्ट्रपति को नया उपराष्ट्रपति नियुक्त करने के लिए चुनाव कराना होगा। चुनाव की प्रक्रिया जल्द ही निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित की जाएगी। उपराष्ट्रपति भारत के संविधान के अनुसार राज्यसभा के सभापति भी होते हैं।

🔹 क्या नीतीश कुमार होंगे उम्मीदवार?

नीतीश कुमार का नाम पिछले कुछ वर्षों से राष्ट्रीय राजनीति में बड़ी भूमिका निभाने को लेकर चर्चा में रहा है। 2022 में भी जब उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन हो रहा था, तब उनका नाम कई मीडिया रिपोर्ट्स में उभरा था। हालांकि तब खुद नीतीश कुमार ने इसे अफवाह बताया था।

लेकिन अब परिस्थितियाँ बदल चुकी हैं:

1. एनडीए के साथ फिर से गठबंधन: नीतीश कुमार एक बार फिर बीजेपी के साथ खड़े हैं।


2. अनुभव और वरिष्ठता: नीतीश कुमार देश के सबसे अनुभवी नेताओं में से एक हैं। सांसद, केंद्रीय मंत्री और कई बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं।


3. सामाजिक समीकरण: उनका चयन एनडीए के लिए सामाजिक रूप से भी संतुलनकारी साबित हो सकता है।




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🔹 क्या कहती है राजनीति?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि नीतीश कुमार जैसे नेता को उपराष्ट्रपति पद पर बैठाना एनडीए के लिए राजनीतिक रणनीति का हिस्सा हो सकता है:

2024 लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा को राज्यसभा और संवैधानिक पदों पर मजबूत पकड़ बनानी है।

नीतीश कुमार को इस पद पर भेजना बिहार में भाजपा की स्थिति मजबूत करने में भी सहायक हो सकता है।


हालांकि, अब तक भाजपा या एनडीए की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है कि नीतीश कुमार को उम्मीदवार बनाया जाएगा।

नीतीश कुमार का नाम एक संभावित उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा है लेकिन अभी कुछ भी तय नहीं है।
यदि वो इस दौड़ में उतरते हैं, तो उनकी अनुभवशीलता, संतुलित छवि और एनडीए के प्रति नई निष्ठा उन्हें एक मजबूत दावेदार बना सकती है।

राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं — अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या बिहार के मुख्यमंत्री देश के उपराष्ट्रपति भवन की ओर रुख करेंगे या नहीं।

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✍️ संपादक: रोहित कुमार सोनू


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