गुंजन खेमका हत्याकांड: सात साल बाद भी इंसाफ का इंतजार


संवाद 

हाजीपुर (वैशाली), बिहार:
बिहार के चर्चित उद्योगपति गोपाल खेमका के बेटे गुंजन खेमका की दिसंबर 2018 में दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। यह वारदात उस वक्त हुई जब गुंजन खेमका अपनी फैक्ट्री जा रहे थे। घटना ने उस समय पूरे राज्य को हिला कर रख दिया था।

🔹 घटना का पूरा विवरण:

21 दिसंबर 2018 को गुंजन खेमका हाजीपुर स्थित अपनी इंडस्ट्रियल यूनिट जा रहे थे। जैसे ही वे गाड़ी से उतरे, हमलावरों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं। हमले में उनकी मौके पर ही मौत हो गई। यह घटना सुरक्षा व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े करती है क्योंकि हाजीपुर जैसे व्यस्त इलाके में दिनदहाड़े हत्या को अंजाम दिया गया।

🔹 अब तक क्या हुआ?

मामले की जांच एसआईटी को सौंपी गई थी।

कई संदिग्धों से पूछताछ हुई, कुछ गिरफ्तारियां भी हुईं।

लेकिन आज सात साल बाद भी मुख्य साजिशकर्ता या वजह पर से पूरी तरह से पर्दा नहीं उठ पाया है।


🔹 परिवार की मांग:

गोपाल खेमका सहित उनके परिजन बार-बार यह मांग करते रहे हैं कि हत्या की सीबीआई जांच कराई जाए ताकि सच सामने आए। उनका आरोप है कि इस हत्या के पीछे व्यावसायिक रंजिश या सुनियोजित साजिश हो सकती है।

🔹 राजनीतिक चुप्पी:

इस हाई-प्रोफाइल हत्याकांड को लेकर कभी कोई ठोस राजनीतिक प्रतिक्रिया नहीं आई। विरोधियों ने कुछ समय तक आवाज उठाई, लेकिन केस की सुनवाई और न्याय प्रक्रिया में गंभीरता की कमी दिखी।





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