बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोर पकड़ने लगी हैं। खासकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाने के लिए अब एनडीए गठबंधन ने रणनीतिक रूप से अभियान तेज कर दिया है।
मीडिया सेंटरों में बढ़ी हलचल
बीजेपी और जदयू के मीडिया सेंटर इस समय पूरी तरह सक्रिय हो चुके हैं। इन केंद्रों से नीतीश सरकार की सात निश्चय योजना, पेंशन स्कीम, युवाओं के लिए प्रशिक्षण योजनाएं, और महिलाओं को सशक्त करने की योजनाओं से लेकर कानून-व्यवस्था और विकास कार्यों की उपलब्धियों को लेकर निरंतर सामाजिक मीडिया और जनसंपर्क अभियान चलाया जा रहा है।
गठबंधन के अन्य दलों की भी सक्रियता
एनडीए के अन्य प्रमुख सहयोगी भी पूरी तरह मैदान में उतर चुके हैं:
लोजपा (रामविलास) के चिराग पासवान अपने क्षेत्र शाहाबाद सहित कई जिलों में जनसभाएं कर रहे हैं।
हम पार्टी प्रमुख जीतनराम मांझी दलित समुदाय को साधने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।
उपेंद्र कुशवाहा भी कोइरी-कुशवाहा समाज में अपनी पकड़ मजबूत करने में जुटे हैं।
क्या है रणनीति?
जनसभाओं, पदयात्राओं और संवाद कार्यक्रमों के जरिए सीएम नीतीश कुमार की योजनाओं की जानकारी गांव-गांव पहुंचाई जा रही है।
सोशल मीडिया, यूट्यूब चैनल और व्हाट्सएप ग्रुपों के जरिए सटीक मैसेजिंग पर फोकस है।
सीधी डीबीटी योजनाओं, जैसे पेंशन, छात्रवृत्ति, और उज्ज्वला योजना जैसी केंद्र-राज्य की साझी उपलब्धियों को हाईलाइट किया जा रहा है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह एक सुव्यवस्थित और व्यापक रणनीति है, जिससे एनडीए बिहार चुनाव में अपने जनाधार को बनाए रखने और बढ़ाने का प्रयास कर रहा है।