पटना
बिहार की राजनीति में उस वक्त हलचल तेज हो गई जब पटना में महागठबंधन के चक्का जाम और प्रदर्शन के दौरान पप्पू यादव और कन्हैया कुमार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के साथ मंच साझा करने या रथ पर चढ़ने से रोका गया। इस पूरे घटनाक्रम को लेकर अब सत्ताधारी एनडीए ने जोरदार हमला बोला है।
क्या हुआ?
राहुल गांधी और तेजस्वी यादव खास ओपन गाड़ी (रथ) में सवार होकर मार्च कर रहे थे, लेकिन
पप्पू यादव और कन्हैया कुमार को इस गाड़ी पर सवार होने की अनुमति नहीं दी गई।
दोनों नेता मार्च में पैदल ही चलते रहे, जिससे राजनीतिक संदेशों और असंतोष के संकेत मिलने लगे हैं।
एनडीए का हमला:
भाजपा और जेडीयू नेताओं ने इस घटना को "महागठबंधन में फूट" का सबूत बताया।
जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा, "यह सिर्फ व्यक्तिगत अपमान नहीं बल्कि कांग्रेस और राजद के भीतर असुरक्षा की भावना का संकेत है।"
भाजपा ने भी सवाल उठाए कि महागठबंधन में एकता सिर्फ दिखावा है, जब अपने ही नेताओं को मंच से दूर रखा जा रहा है।
पप्पू यादव की प्रतिक्रिया:
पप्पू यादव ने स्पष्ट नाराजगी जताते हुए कहा, “जनता देख रही है कि कौन किसे रोक रहा है। एकता की बातें करने वाले भीतर से बंटे हुए हैं।”
कन्हैया कुमार का रुख:
कन्हैया ने इस पर कोई सीधी प्रतिक्रिया नहीं दी लेकिन करीबी सूत्रों का कहना है कि वो भी इस व्यवहार से खिन्न हैं।
महागठबंधन में आंतरिक खींचतान?
यह घटना ऐसे समय हुई है जब विपक्षी दल मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण को लेकर एकजुटता दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन रथ पर जगह न मिलने जैसी घटनाएं गठबंधन में नेतृत्व की खींचतान और आपसी अविश्वास को उजागर करती हैं।