राजद नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान पर गंभीर आपत्ति जताई है। उन्होंने आशंका जताई है कि इस अभियान के तहत महागठबंधन समर्थकों के नाम जानबूझकर मतदाता सूची से हटाए जा सकते हैं, ताकि आगामी विधानसभा चुनाव में उनका जनाधार कमजोर किया जा सके।
🧾 पत्नी का नाम कटने की चिंता
तेजस्वी यादव ने कहा कि उनकी पत्नी राजश्री यादव का स्थायी पता बिहार से बाहर का है, और अब जब आधार कार्ड को एकमात्र पहचान पत्र के रूप में अमान्य कर दिया गया है, तो उनकी पत्नी का नाम भी वोटर लिस्ट से हटाया जा सकता है। उन्होंने यह मुद्दा भारत निर्वाचन आयोग के समक्ष उठाया है और स्पष्ट किया है कि यह प्रक्रिया पक्षपातपूर्ण है।
🔥 आंदोलन की चेतावनी
तेजस्वी यादव ने कहा:
> “अगर गरीब, पिछड़े, महागठबंधन समर्थकों और महिलाओं के नाम मतदाता सूची से काटे गए तो हम सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे। यह लोकतंत्र पर सीधा हमला है।”
🧾 क्या है SIR अभियान?
निर्वाचन आयोग ने बिहार में 25 जून से 26 जुलाई तक मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान शुरू किया है। इसमें मतदाताओं से पहचान पत्र और निवास प्रमाण की जांच की जा रही है। आयोग के निर्देश के मुताबिक सिर्फ वोटर ID या आधार नहीं, बल्कि निवास से संबंधित अन्य प्रमाण भी जरूरी बताए गए हैं।