पटना। राजद नेता मुन्ना यादव ने एक बार फिर से जाति आधारित राजनीति पर बड़ा बयान देकर राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। उन्होंने कहा कि जातीय सर्वे के बाद ऊंची जातियों की हैसियत सामने आ चुकी है, और अब “मिश्रा, सिंह, झा, शर्मा” जैसे लोगों का राजनीतिक व सामाजिक दबदबा पहले जैसा नहीं रह गया।
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🔹 लालू यादव को बताया "व्यवस्था बदलने वाला नेता"
मुन्ना यादव ने कहा कि “लालू प्रसाद यादव ने ऐसी सामाजिक व्यवस्था खड़ी कर दी है, जिसमें अगड़ी जातियों के नेताओं को फ्रंटफुट पर राजनीति करने का मौका नहीं मिल सकता।”
उनके अनुसार, जातीय सर्वे ने यह साफ कर दिया है कि राज्य की असली ताकत पिछड़े और अति-पिछड़े वर्गों में है, और यही वर्ग अब राजनीतिक दिशा तय कर रहा है।
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🔹 विपक्ष ने किया विरोध
मुन्ना यादव के बयान पर बीजेपी और जेडीयू नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा के एक प्रवक्ता ने कहा कि,
> “इस तरह के बयानों से समाज में जहर घोला जा रहा है। राजद जानबूझकर जातीय ध्रुवीकरण कर राजनीति चमकाना चाहती है।”
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🔹 सोशल मीडिया पर बहस
बयान के बाद सोशल मीडिया पर भी प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई है। कुछ लोगों ने इसे सच्चाई बताने वाला साहसी बयान बताया तो कईयों ने समाज को बांटने वाला ज़हरीला वक्तव्य करार दिया।
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🔹 सियासी माहौल गरम
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले इस तरह के बयान सियासी गर्मी और सामाजिक ध्रुवीकरण को और तेज़ कर रहे हैं। जातीय सर्वे पहले ही राज्य की राजनीति को नई दिशा दे चुका है, और अब ऐसे बयान चुनावी रणनीतियों को और धार देने का काम कर सकते हैं।