बीआरए बिहार विश्वविद्यालय (BRABU) से संबद्ध कुछ कॉलेजों में अनुभव प्रमाणपत्रों की सत्यता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। जानकारी के अनुसार, दो संबद्ध कॉलेजों के द्वारा जारी किए गए अनुभव प्रमाणपत्रों में प्राचार्यों के हस्ताक्षरों में भिन्नता पाई गई है, जिससे फर्जीवाड़े की आशंका जताई जा रही है।
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✒️ फर्जी हस्ताक्षर से बने प्रमाणपत्र?
विश्वविद्यालय से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, कई अनुभव प्रमाणपत्रों पर हस्ताक्षर मेल नहीं खाते, जिससे संदेह है कि प्राचार्य के नाम से फर्जी दस्तखत कर प्रमाणपत्र जारी किए गए हैं। यह मामला सिर्फ एक या दो नहीं, बल्कि कई प्रमाणपत्रों से जुड़ा हो सकता है।
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🚫 एक शिक्षक पहले ही बर्खास्त
इससे पहले अप्रैल में BRABU के एक शिक्षक को विश्वविद्यालय सेवा आयोग द्वारा नौकरी से बर्खास्त किया गया था, क्योंकि उसने अपने नियुक्ति दस्तावेजों में फर्जी अनुभव प्रमाणपत्र संलग्न किए थे। यह मामला सामने आने के बाद अन्य प्रमाणपत्रों की भी जांच शुरू की गई है।
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🔍 जांच की मांग तेज
अब इस पूरे मामले में गहन जांच की मांग उठ रही है। अगर यह प्रमाणित हो जाता है कि फर्जी हस्ताक्षर से प्रमाणपत्र जारी किए गए हैं, तो इससे विश्वविद्यालय की साख पर बड़ा सवाल उठेगा और कई नियुक्तियां रद्द की जा सकती हैं।