पटना:
बिहार सरकार ने राज्य में सफाईकर्मियों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य में अब "बिहार राज्य सफाई कर्मचारी आयोग" का गठन किया जाएगा। इस आयोग में एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष और पांच सदस्य होंगे।
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🔹 एक महिला या ट्रांसजेंडर को अनिवार्य प्रतिनिधित्व
सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि इन पांच सदस्यों में से कम से कम एक सदस्य महिला या ट्रांसजेंडर होगा। यह निर्णय सामाजिक समावेशिता और लैंगिक समानता की दिशा में एक प्रगतिशील पहल मानी जा रही है।
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🔹 आयोग की भूमिका
इस आयोग का उद्देश्य होगा:
सफाई कार्यों से जुड़े वंचित समुदायों को मुख्यधारा में जोड़ना
उनके सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक विकास के लिए योजनाएं बनाना
उनके हितों की संरक्षा और उन्नति सुनिश्चित करना
स्वच्छता क्षेत्र में काम कर रहे लोगों के लिए सम्मानजनक जीवन की व्यवस्था करना
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🔹 सामाजिक न्याय की दिशा में पहल
राज्य सरकार का कहना है कि यह आयोग, दलित, महादलित और सफाईकर्मियों के परिवारों को सम्मानपूर्वक जीवन जीने में सहायता करेगा। साथ ही इस वर्ग को सरकारी योजनाओं और लाभों से जोड़ने का माध्यम बनेगा।
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यह आयोग समाज के सबसे अंतिम पायदान पर खड़े लोगों को सशक्त करने का प्रयास है, जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की समावेशी विकास नीति का हिस्सा है।