पटना में केंद्रीय मंत्री और 'हम' पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने एक बार फिर चिराग पासवान पर तीखा हमला बोला है। जब पत्रकारों ने उनसे यह सवाल किया कि चिराग पासवान खुद को दलितों का सबसे बड़ा हितैषी बता रहे हैं, तो मांझी ने दो टूक जवाब दिया:
> "चिराग पासवान में समझदारी की कमी है।"
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🔹 चिराग की दावेदारी पर मांझी का कटाक्ष
जीतनराम मांझी ने कहा कि दलित समाज का हितैषी बनने के लिए केवल दावे नहीं, समझ और अनुभव चाहिए। उन्होंने बिना नाम लिए कहा कि कुछ लोग केवल सोशल मीडिया और मंचों पर भाषण देकर खुद को नेता समझते हैं, जबकि जमीनी काम और संघर्ष से असली नेता बनता है।
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🔸 एनडीए में बढ़ती खींचतान?
भले ही चिराग पासवान और जीतनराम मांझी दोनों एनडीए का हिस्सा हों, लेकिन दलित नेतृत्व को लेकर दोनों के बीच पुराना टकराव एक बार फिर सतह पर आ गया है। लोकसभा चुनाव के बाद से ही चिराग का कद एनडीए में बढ़ा है, जिससे मांझी खेमे में बेचैनी देखी जा रही है।
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🗣️ मांझी की दलित राजनीति में दावेदारी
जीतनराम मांझी खुद को बिहार में दलित राजनीति का असली चेहरा मानते हैं। उनका दावा है कि उन्होंने हमेशा दलित, महादलित और पिछड़े वर्गों के लिए काम किया है, जबकि कुछ नेता सिर्फ राजनीतिक मंचों से नारों तक सीमित हैं।