पटना के नामचीन कारोबारी और मगध अस्पताल के मालिक गोपाल खेमका की हत्या ने पूरे बिहार को हिला कर रख दिया है। राजधानी के बीचोंबीच गोली मारकर की गई हत्या ने न सिर्फ कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि सरकार की संवेदनशीलता भी जांच के दायरे में है।
😢 मां का दर्द छलका
डिप्टी सीएम विजय सिन्हा जब शोक संतप्त परिवार को सांत्वना देने पहुंचे, तो गोपाल खेमका की वृद्ध मां फूट-फूट कर रोने लगीं।
उनके शब्द थे:
> “पहले पोता गया... अब बेटा भी चला गया... उद्धार करिए सरकार... हम किसके लिए जिएं?”
यह दृश्य वहां मौजूद हर शख्स की आंखें नम कर गया।
📍 परिजनों ने लगाए पुलिस पर आरोप
परिजनों ने साफ तौर पर कहा कि:
गांधी मैदान थाना सिर्फ 500 मीटर की दूरी पर है, फिर भी पुलिस डेढ़ घंटे देर से पहुंची।
अगर समय पर पुलिस पहुंचती, तो शायद उन्हें अस्पताल पहुंचाकर जान बचाई जा सकती थी।
यह हत्या कोई सामान्य आपराधिक वारदात नहीं, एक सुनियोजित साजिश है।
🚔 प्रशासन और राजनीति में हड़कंप
घटना को लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय तक रिपोर्ट तलब की गई है।
विपक्ष सरकार पर हमला बोल रहा है, वहीं भाजपा के कई नेता भी पुलिस की भूमिका पर सवाल उठा रहे हैं।
पटना पुलिस पर गिरी जिम्मेदारी, एसआईटी का गठन कर जांच तेज की गई है।
🔎 अब तक क्या सामने आया?
सीसीटीवी फुटेज में दिखा कि हेलमेट पहना शूटर पहले से गेट पर मौजूद था।
गोली मारने के 6 सेकंड बाद स्कूटी से भाग गया।
पुलिस को शक है कि गोपाल खेमका की हत्या में व्यवसायिक रंजिश या पुरानी दुश्मनी हो सकती है।